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झारखण्ड राज्य के सराईकेला-खरसावां ज़िला के गमहरिया प्रखंड से सुजाता ज्योत्सि ने अब मेरी बारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि समाज की एक रूढ़िवादी भावना यह हैं कि लड़कों के जन्म होने पर उनकी पढाई और नौकरी की चिंता करते हैं पर लड़कियों के जन्म होते ही उनकी शादी की तैयारियाँ। यह भेदभाव बहुत ही गलत हैं। इसलिए अब मेरी बारी अभियान के माध्यम से ज़्यादा से ज़्यादा लड़कियाँ जागरूक हो और अपना निर्णय खुद से लेकर अपने जीवन में आगे बढ़े। परिवार के दबाव में आ कर कोई ग़लत फ़ैसला लेने से बचे।सुजाता ने यह भी बताया कि कई क्षेत्रों में अभी भी बाल विवाह होता हैं जिस कारण कुपोषित बच्चों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही हैं।

झारखण्ड राज्य के सराईकेला-खरसावां ज़िला के गमहरिया प्रखंड से सुजाता ज्योत्सि ने अब मेरी बारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उन्हें अब मेरी बारी अभियान के द्वारा बहुत की जानकारियाँ मिली। उन्हें यौन स्वास्थ्य की जानकारी मिली , माहवारी के दौरान लड़कियों को सैनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल करना चाहिए लेकिन ग़रीबी के कारण सैनेटरी नैपकिन ख़रीदने में असमर्थ रहती हैं इसलिए लड़कियों को विशेषकर सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध करवाना चाहिए। कपड़ा का इस्तेमाल से गुप्तांग में समस्या आ जाती हैं जिससे लड़कियों के शिक्षा में बुरा असर पड़ता हैं। बाल विवाह के विषय में सुजाता का कहना हैं कि बाल विवाह होने से लड़कियों को बहुत परेशानी होती हैं और ज़ल्द गर्भधारण कर लेने से जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य में बुरा असर पड़ता हैं।सुजाता ने यह भी बताया कि उनके क्षेत्र के युवा मैत्री केंद्र में कॉउंसलर द्वारा युवाओं को अच्छे से जानकारी प्रदान की जाती हैं।

झारखण्ड राज्य सरायकेला जिला प्रखंड गम्हरिया से सुजाता अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से बताती हैं कि युवा मैत्री केंद्र बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसके माध्यम से किशोर किशोरियाँ अपने विचार एवं समस्याओं के विषय में खुल कर पूछ सकते है। कम उम्र में विवाह करने पर लड़की गर्भवती हो जाती है और इससे उसका शरीर कमजोर हो जाता है और उसका बच्चा भी ठीक तरह से विकसित नहीं हो पाता है इसलिए बाल विवाह नहीं करना चाहिए। लड़कियों को माहवारी के समय साफ सफाई का ख़ास ख्याल रखना चाहिए। गाँवों में यह अक्सर देखा जाता है कि लड़कियाँ माहवारी के समय कपड़ा इस्तेमाल करती हैं और शर्म के कारण कपड़ा बाहर नहीं सुखाती हैं जिस कारण वे बीमार हो जाती हैं या अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर पाती हैं।

झारखण्ड राज्य के सराईकेला-खरसावां ज़िला के गम्हरिया प्रखंड के नारायणपुर पंचायत से सुजाता ने अब मेरी बारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज भी समाज में लड़का व लड़की के बीच भेदभाव होता हैं। लड़कियों के ज़ल्दी शादी हो जाने से उनके सेहत में बुरा प्रभाव पड़ता हैं इसलिए लड़कियों को सबसे पहले शिक्षा ग्रहण करना चाहिए। सुजाता के विचार सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर...

झारखण्ड राज्य के सराईकेला खरसावां ज़िला के गम्हरिया से सुजाता जोत्सी ने अब मेरी बारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि किशोरियों के लिए शिक्षा ग्रहण करना बेहद ज़रूरी हैं। परिवार के दबाव में आकर विवाह करना चाहिए। सुजाता की पूरी राय जानने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर....

सरायकेला खरसावां से सुजाता जोत्सी अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से बताती हैं कि इनकी सभी साथियों को मोबाइल वाणी पर चल रहे कार्यक्रम में सुरभि की कहानी के माध्यम से माहवारी तथा एनीमिया के बारे में जो भी जानकारी दी जा रही है। उसे सुनकर बहुत अच्छा लग रहा है। इसके लिए मोबाइल वाणी को धन्यवाद करती हैं

सरायकेला खरसावां से सुजाता जोत्सी अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से बताती हैं कि मोबाइल वाणी में चल रहे कार्यक्रम के माध्यम से एनीमिया और माहवारी के बारे में जानकारी मिली। साथ ही किशोरियों के अधिकार तथा साफ़ -सफाई की अच्छी जानकारी मिली।

झारखंड राज्य के सरायकेला,खरसावां के गमहरिया से सुजाता ने अब मेरी बारी के माध्यम से बताया कि मोबाइल वाणी के माध्यम से टिपि टिप दीदी के द्वारा बहुत अच्छी- अच्छी जानकारियां दी जा रही है। कार्यक्रम में दीदी ने यह बताया कि माहवारी आने के दौरान अच्छे से खानपान करना चाहिए,अच्छे से रहना चाहिए। माहवारी आना एक बीमारी नहीं है। इसके लिए दीदी को धन्यवाद देती हैं। साथ ही पहले के लोग इसे छुआछूत मानते थें। अब इस छुआछूत की भावना को दूर करने में टिपि टिप दीदी की सहायता बहुत मिल रही है।