दोस्तों, हमारे यह 2 तरह के देश बसते है। एक शहर , जिसे हम इंडिया कहते है और दूसरा ग्रामीण जो भारत है और इसी भारत में देश की लगभग आधी से ज्यादा आबादी रहती है। और उस आबादी में आज भी हम महिला को नाम से नहीं जानते। कोई महिला पिंटू की माँ है , कोई मनोज की पत्नी, कोई फलाने घर की बड़ी या छोटी बहु है , कोई संजय की बहन, तो कोई फलाने गाँव वाली, जहाँ उन्हें उनके मायके के गाँव के नाम से जाना जाता है। हम महिलाओ को आज भी ऐसे ही पुकारते है और अपने आप को समाज में मॉडर्न दिखने की रीती का निर्वाह कर लेते है। समाज में महिलाओं की पहचान का महत्व और उनकी स्थिति को समझने की आवश्यकता के बावजूद, यह बहुत दुःख कि बात है आधुनिक समय में भी महिलाओं की पहचान गुम हो रही है। तो दोस्तों, आप हमें बताइए कि *-----आप इस मसले को लेकर क्या सोचते है ? *-----आपके अनुसार से औरतों को आगे लाने के लिए हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है *-----साथ ही, आप औरतों को किस नाम से जानते है ?

Transcript Unavailable.

नालंदा जिला से आकांक्षा , की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से पुष्प देवी से हुई , पुष्प देवी बताती है कि बेटियों को पढ़ाना बहुत जरूरी है। उन्हें अच्छी शिक्षा देनी चाहिए।

नालंदा जिला से स्वीटी रानी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अर्चना देवी से हुई , अर्चना देवी बताती है कि बेटी को पढ़ना होगा। ताकि वह जीवन में आगे बढ़े अपने पैरों में खड़ा हो सके।

बिहार राज्य के नालंदा जिला के चंडी प्रखंड से निर्मला कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना से बेटियों को लाभ मिलता है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

नालंदा जिला से स्वीटी रानी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कंचन देवी से हुई , कंचन देवी बताती है कि बेटियों को पढ़ना बहुत जरूरी है। ताकि वह अपने पैरों पर खड़ा हो सके और आगे बढे।

नालंदा जिला से स्वीटी कुमारी , की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से पूनम कुमारी से हुई , पूनम कुमारी बताती है कि बेटियों को पढ़ना बहुत जरूरी है ताकि वह अपने पैरों पर खड़ा हो सके , अपने जीवन में आगे बढे।

मोबाइल वाणी के माध्यम से रूपा कुमारी , यह बताना चाहती है कि कन्या सुकन्या योजना और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं के तहत लड़कियों को शिक्षा दी जा रही है। जैसे पहले बेटियां स्कूल नहीं जा पाती थीं, लेकिन अब वे स्कूल जाने लगी हैं। बेटी और महिलायें सशक्त हो गई है। बेटियां आगे बढ़ रही है।

नालंदा जिले के चंडी ब्लॉक से स्वीटी रानी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम सुनती हूं। यह बहुत अच्छा था और कहा जाता है कि यह बेटियों और उनकी रुचि के लिए बहुत फायदेमंद होता है, समाज में भी इसका इतना प्रभाव पड़ता है कि आज कम से कम बेटी का नाम तो वे समझते हैं कि बेटी को भी किसी न किसी तरह से पढ़ाया जाना चाहिए। पहले इसी तरह कोई इस तरह पढ़ाता था कि अगर बेटा पढ़ रहा है तो बेटी को भी थोड़ा पढ़ाया जाता है। हम लोगों को भी देखते हैं और इससे हम खुद को और अपने आस-पास के लोगों को भी बदलते हैं और यह राय सभी के साथ होनी चाहिए और समाज में उनकी सोच में बदलाव से ही इस जागरूकता में वृद्धि होगी।

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के नगरनौसा प्रखंड से शम्भू ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि क्वेश्चन मार्क कार्यक्रम में समाजशास्त्र विषय अच्छा लगा ।