बिहार राज्य के जिला नालंदा के हिलसा ब्लॉक से कुमारी आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से उर्मिला देवी से हुई। उर्मिला देवी यह बताना चाहती है कि वह अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम सुनकर यह फैसला लिया है कि वह अपनी बेटी की शादी में दहेज़ के नाम पर जमीन में हिस्सा देंगी। दहेज़ में पैसा देने पर पैसा ख़त्म हो जाता है। इसीलिए वह बेटी को जमीन में हिस्सा देंगे।

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से कुमारी आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से उर्मिला देवी से हुई। उर्मिला कहती है कि इनके पिताजी ने दहेज़ के बदले इनके नाम से जमीन दिया है। जिसमे वो घर बना कर रेंट में दी है और इसी के माध्यम से वो एक तरह से व्यापार कर रही है

बिहार राज्य के जिला नालंदा के नगरनौसा प्रखंड से शोभा देवी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि भूमि अधिकारों के बारे में कार्यक्रम अच्छा चल रहा है। जब भी निर्णय लेने का बात आता है तो पुरुष ही निर्णय लेती है। महिला निर्णय नहीं लेती है।

बिहार राज्य के जिला नालंदा के नगरनौसा प्रखंड से सोभा देवी , की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से बिभा कुमारी से हुई। बिभा कुमारी के अनुसार ,महिला को जमीन पर अधिकार मिलना चाहिए। जितना पिता के जमीन पर पुत्र का अधिकार है उतना है अधिकार बेटियों को भी मिलना चाहिए। अशिक्षित महिला को समझ नहीं आता है कि जमीन पर उनका भी हक़ होना चाहिए। महिला को जागरूक करना चाहिए। पहले भी पिता दहेज़ देकर अपनी बेटी का विवाह करते थे तो इस तरह बेटी को जमीन पर हक़ कैसे मिलेगा।

बिहार राज्य के जिला नालंदा से शम्भू प्रसाद , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि सरकार महिलाओं को जमीन देने के लिए कई योजनाएं ला रहे है लेकिन पुरुष उनको जमीन में हिस्सा नहीं देना चाहते है क्योंकि उनको लगता है कि उनकी इज़्ज़त घट जाएगी। महिला और पुरुष दोनों को समान अधिकार देना चाहिए। अगर महिला को जमीन पर अधिकार मिलेगा तो उनको ससुराल और मायके में भी सम्मान मिलेगा। अगर महिला को जमीन पर अधिकार मिलेगा तो समाज विकसित होगा।

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के चंडी प्रखंड के माधवपुर बाजार से रूपा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बबिता से बातचीत कर रही है। ये कहती है कि महिला के नाम से जमीन मिलना चाहिए। लेकिन इन्हे नहीं मिलता है। घर वाले खेत ,जमीन बेच कर लड़की का दहेज़ देते है लेकिन इसके बदले जमीन ही मिलना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए। माता पिता इस बात को मानते नहीं है

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के नगरनौसा प्रखंड से शम्भू प्रसाद ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि महिलाओं को भूमि का अधिकार देने का कानून तो बहुत पहले ही बन गया था पर यह धरातल पर नहीं उतरा था जिस कारण अभी महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को दिक्कत हो रही है। क्योंकि अगर उन्हें पैतृक संपत्ति का अधिकार मिल जाता तो वो सशक्त हो कर पारिवारिक गतिविधियों को संभाल लेती। अगर उन्हें जमीनी अधिकार मिलता तो उन्हें मायके और ससुराल में दिक्कत नहीं होता। आजकल समाज में महिला जलाई जा रही है क्योंकि उनके पास कुछ नहीं रहता है। पिता निश्चिंत रहते है कि उन्होंने दहेज़ देकर शादी लड़की का करा दिए ,अब सब ठीक है। परन्तु देश में अधिकतर अपराध दहेज़ के कारण ही हो रहा है। अगर महिला को पैतृक संपत्ति में अधिकार मिलने लगता तो यह अपराध भी कम होने लगता।

बिहार राज्य के नालंदा जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता संगीता कुमारी ने अस्मिता कुमारी से बातचीत की। जिसमें उन्होंने बताया कि महिलाओं को अगर जमीन पर हक मिल जाता है, तो वो व्यवसाय कर आत्मनिर्भर बन सकती है। इससे समाज मे सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। महिलाओं का विकास होगा उनकी स्थिति में बदलाव आएगी। समाज में महिला को पैतृक संपत्ति पर अधिकार नहीं मिलने का कारण यह है की उनके शादी के समय पर दहेज़ दिया जाता है। लेकिन माता पिता को दहेज़ ना दे कर बेटियों को भी जमीन पर हिस्सा देना चाहिए। इससे लड़की का भविष्य ज्यादा सुरक्षित रहेगा। इसलिए माता-पिता को स्वेच्छा के साथ महिलाओं को जमीन पर हक देना चाहिए

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला से रूपा कुमारी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से ललिता देवी से बात हो रही है। ये कहती है कि जमीन पर महिला का अधिकार होना चाहिए। इनके पास अपना दो कट्ठा जमीन है जो इन्हे मायके की और से मिला है ।ससुराल में इन्हे ताना मिलता है और प्रताड़ित किया जाता है कि दहेज़ के बदले जमीन मिला है। महिला के पास जमीन का अधिकार होने से कोई फायदा नहीं है

बिहार राज्य के जिला नालंदा से प्रियंका कुमारी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि बहन को भी जमीन या दहेज़ का हिस्सा मिलना चाहिए।