भारत में शादी के मौकों पर लेन-देन यानी दहेज की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है. पहले यह वधू पक्ष की सहमति से उपहार के तौर पर दिया जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में यह एक सौदा और शादी की अनिवार्य शर्त बन गया है। विश्व बैंक की अर्थशास्त्री एस अनुकृति, निशीथ प्रकाश और सुंगोह क्वोन की टीम ने 1960 से लेकर 2008 के दौरान ग्रामीण इलाके में हुई 40 हजार शादियों के अध्ययन में पाया कि 95 फीसदी शादियों में दहेज दिया गया. बावजूद इसके कि वर्ष 1961 से ही भारत में दहेज को गैर-कानूनी घोषित किया जा चुका है. यह शोध भारत के 17 राज्यों पर आधारित है. इसमें ग्रामीण भारत पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है जहां भारत की बहुसंख्यक आबादी रहती है.दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आप क्या सोचते है ? और इसकी मुख्य वजह क्या है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *----- और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

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शासन लखनऊ द्वारा दिनांक-31.03.2024 दिन रविवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंतिम कार्य दिवस होने के कारण इस दिन अधिक संख्या में विभागों / कार्यालयों से अत्याधिक राजकीय लेन-देन होने की संभावना हैं। अतः जनपद के समस्त शासकीय कार्य करने वाली बैंक शाखाओं को दिनांक 31.03.2024 दिन रविवार को खोलना सुनिश्चित करते हुए राज्य सरकार के लेन-देन से संबधित कार्य का संपादन किया जाना व राजकीय लेखा अगले कार्य दिवस में कोषागार को प्रेषित किया जाना आवश्यक हैं। वरिष्ठ कोषधिकारी उमेश कुमार उपाध्याय ने बताया है कि  वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड-5 भाग-2 के नियम-503 के अंतगर्त दिनांक 31.03. 2024 दिन रविवार को भारतीय स्टेट बैंक, शाखा गाजीपुर, सैदपुर, जमानियां, मुहम्मदाबाद, तथा युनियन बैंक आफ इण्डिया शाखा जखनियां एवं समस्त उपकोषागार कार्यालय रात्रि 12.00 बजे तक सरकारी भुगतान एवं राजस्व प्राप्तियों के लिये खुला रखा जाये। साथ ही साथ राजकीय लेन-देन से संबधित सूचना व लेखा समय से शासन व महालेखाकार उ०प्र० को प्रेषित किया जाने हेतु प्रत्येक दशा में राज्य सरकार के लेन-देन से संबधित लेखा अगले कार्य दिवस में कोषागार को प्रेषित करना सुनिश्चित करें। ................................

 शासन द्वारा प्रदेश से लेह लद्दाख स्थित सिंधु दर्शन यात्रा पर जाने वाले व्यक्तियों को धनराशि रू0 20000.00 प्रति व्यक्ति का अनुदान दिया जाता है। उक्त विज्ञप्तियों में कतिपय बिन्दुओं यथा, मूल निवासी, आय सीमा, अनुदान हेतु पात्र यात्रियों की संख्या इत्यादि के सम्बन्ध में स्थिति स्पष्ट न होने के कारण आवेदन पत्रों के निस्तारण में कठिनाई उत्पन्न होती है

राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजनान्तर्गत ऐसे लाभार्थी, जिन्हे वर्ष 2023-24 में एक भी किस्त का पेंशन भुगतान नही हो पाया है, उनसे अनुरोध  किया जाता है कि वे अपने सम्बन्धित बैंक का पासबुक, आधार एवं मोबाईल के साथ उपस्थित होकर अनिवार्य रूप से एन पी सी आई  की कार्यवाही पूर्ण करा लें एवं जिन लाभार्थियों का आधार प्रमाणीकरण लंबित है, वे भी अपने निकटतम जनसेवा केन्द्र/साईबर कैफे से आधार प्रमाणीकरण की कार्यवाही पूर्ण करा लें। शासनादेशानुसार वर्ष 2023-24 से पेंशन की धनराशि का भुगतान आधार बेस्ड प्रणाली के माध्यम से किया जा रहा है

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चुनावी बॉंड में ऐसा क्या है जिसकी रिपोर्ट सार्वजनिक होने से बचाने के लिए पूरी जी जान से लगी हुई है। सुप्रीम कोर्ट की डांट फटकार और कड़े रुख के बाद बैंक ने यह रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंप दी, अब चुनाव आयोग की बारी है कि वह इसे दी गई 15 मार्च की तारीख तक अपनी बेवसाइट पर प्रकाशित करे।

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