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नमस्कार दोस्तों, मोबाइल वाणी पर आपका स्वागत है। तेज़ रफ्तार वक्त और इस मशीनी युग में जब हर वस्तु और सेवा ऑनलाइन जा रही हो उस समय हमारे समाज के पारंपरिक सदस्य जैसे पिछड़ और कई बार बिछड़ जाते हैं। ये सदस्य हैं हमारे बढ़ई, मिस्त्री, शिल्पकार और कारीगर। जिन्हें आजकल जीवन यापन करने में बहुत परेशानी हो रही है। ऐसे में भारत सरकार इन नागरिकों के लिए एक अहम योजना लेकर आई है ताकि ये अपने हुनर को और तराश सकें, अपने काम के लिए इस्तेमाल होने वाले ज़रूरी सामान और औजार ले सकें। आज हम आपको भारत सरकार की विश्वकर्मा योजना के बारे में बताने जा रहे हैं। तो हमें बताइए कि आपको कैसी लगी ये योजना और क्या आप इसका लाभ उठाना चाहते हैं। मोबाइल वाणी पर आकर कहिए अगर आप इस बारे में कोई और जानकारी भी चाहते हैं। हम आपका मार्गदर्शन जरूर करेंगे। ऐसी ही और जानकारियों के लिए सुनते रहिए मोबाइल वाणी,

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भारत में शादी के मौकों पर लेन-देन यानी दहेज की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है. पहले यह वधू पक्ष की सहमति से उपहार के तौर पर दिया जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में यह एक सौदा और शादी की अनिवार्य शर्त बन गया है। विश्व बैंक की अर्थशास्त्री एस अनुकृति, निशीथ प्रकाश और सुंगोह क्वोन की टीम ने 1960 से लेकर 2008 के दौरान ग्रामीण इलाके में हुई 40 हजार शादियों के अध्ययन में पाया कि 95 फीसदी शादियों में दहेज दिया गया. बावजूद इसके कि वर्ष 1961 से ही भारत में दहेज को गैर-कानूनी घोषित किया जा चुका है. यह शोध भारत के 17 राज्यों पर आधारित है. इसमें ग्रामीण भारत पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है जहां भारत की बहुसंख्यक आबादी रहती है.दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आप क्या सोचते है ? और इसकी मुख्य वजह क्या है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *----- और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

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शासन लखनऊ द्वारा दिनांक-31.03.2024 दिन रविवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंतिम कार्य दिवस होने के कारण इस दिन अधिक संख्या में विभागों / कार्यालयों से अत्याधिक राजकीय लेन-देन होने की संभावना हैं। अतः जनपद के समस्त शासकीय कार्य करने वाली बैंक शाखाओं को दिनांक 31.03.2024 दिन रविवार को खोलना सुनिश्चित करते हुए राज्य सरकार के लेन-देन से संबधित कार्य का संपादन किया जाना व राजकीय लेखा अगले कार्य दिवस में कोषागार को प्रेषित किया जाना आवश्यक हैं। वरिष्ठ कोषधिकारी उमेश कुमार उपाध्याय ने बताया है कि  वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड-5 भाग-2 के नियम-503 के अंतगर्त दिनांक 31.03. 2024 दिन रविवार को भारतीय स्टेट बैंक, शाखा गाजीपुर, सैदपुर, जमानियां, मुहम्मदाबाद, तथा युनियन बैंक आफ इण्डिया शाखा जखनियां एवं समस्त उपकोषागार कार्यालय रात्रि 12.00 बजे तक सरकारी भुगतान एवं राजस्व प्राप्तियों के लिये खुला रखा जाये। साथ ही साथ राजकीय लेन-देन से संबधित सूचना व लेखा समय से शासन व महालेखाकार उ०प्र० को प्रेषित किया जाने हेतु प्रत्येक दशा में राज्य सरकार के लेन-देन से संबधित लेखा अगले कार्य दिवस में कोषागार को प्रेषित करना सुनिश्चित करें। ................................