दोस्तों, फसले बिना केमिकल के जी जाती हैं पर पानी के बिना तो जमीन बेजान ही है! मवेशियों में भी कहां इतनी जान होगी कि वो खेत जोत पाएं, हमें दूध दे पाएं! पानी तो सबको चाहिए , पर... साथियों, हमें बताएं कि पानी के प्राकृतिक स्त्रोत खत्म होने से आपको किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं? क्षेत्र के कुएं, पोखर और तालाब प्रशासन ने खत्म कर दिए हैं या फिर वे सूख रहे हैं? क्या इन्हें बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं? अगर स्त्रोत सूख रहे हैं तो आपके पास पीने के पानी का क्या विकल्प है? क्या खेतों में पानी नहीं पहुंचने से फसलों को नुकसान हो रहा है? पानी की कमी के कारण किसानों और पशुपालकों को किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं? खेतों में पानी पहुंचाने के लिए आपने क्या व्यवस्था की है और क्या यह पर्याप्त है? दोस्तों, पानी अहम है क्योंकि ये हमें जीवन देता है और आप तो जानते ही हैं.... जिंदगी जरूरी है!

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता भीम राज ने बताया कि जम्मू जिला प्रतिदिन आसमान में भीषण गर्मी का सामना कर रहा है। मनुष्य आग लगा रहे हैं, रात में भी उमस बनी हुई है, लोग उमस भरी गर्मी से परेशान हैं। जबकि अधिकतम तापमान तैंतीस डिग्री तक पहुंच गया है और न्यूनतम तापमान तीस डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। बदलते मौसम के कारण लोगों को कई तरह की बीमारियां हो रही हैं। चिलचिलाती धूप के कारण लोग अपने घरों से बाहर निकलना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से संवाददाता भीम राज ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उमस भरी गर्मी बढ़ने से स्वास्थ्य केंद्र दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गिद्धौर में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इस संबंध में स्वास्थ्य केंद्र के मरीज को पर्ची देने वाले चिकित्सा कर्मचारी ने कहा कि चार से पांच दिन तक अस्पताल पहुंचने वाले रोगियों में उल्टी,दस्त और बुखार सम्बंधित मरीजों की संख्या अधिक है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से संवाददाता भीम राज ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गिद्धौर प्रखंड में दिन-प्रतिदिन चिलचिलाती धूप और गर्म हवा के कारण लोग पीड़ित हो रहे हैं। तापमान में वृद्धि ने लोगों के लिए अपने घरों से निकलना मुश्किल कर दिया है, जबकि रविवार को अधिकतम तापमान 41 से 47 डिग्री तक पहुंच गया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

हीट वेव जागरूकता के इस प्रोमो में हम जानेंगे इस बढ़ती गर्मी का कारण क्या है। साथ ही इस गर्मी से बचाव के लिए क्या उपाय किये जा सकते हैं।

दोस्तों , सूरज की तपन बढ़ रही है और प्यास है कि खत्म होने का नाम नहीं लेती! हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में पीने के पानी का साधन क्या है? क्या आप प्राकृतिक स्त्रोतों, जैसे कुएं, तालाब, पोखर से पानी लाते हैं? अगर आपके क्षेत्र में पानी के प्राकृतिक स्त्रोत नहीं हैं तो क्या पानी के लिए बोरवेल लगवाया है? या फिर पानी की सप्लाई हो रही है? क्या आपको पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है? अगर ऐसा है तो इससे आपके लिए कितना आर्थिक खर्च बढ़ गया है? क्या पंचायत या नगर पालिका क्षेत्र के प्राकृतिक पानी के स्त्रोतों को बचाने का काम नहीं कर रही है? क्या आपमें से कोई व्यक्ति ऐसा है, ​जो पानी के स्त्रोतों को बचाने की कोशिश कर रहा है? अगर है तो उनके प्रयासों के बारे में बताएं. अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.