गर्मी की लहर के दौरान बाहर काम करने वाले लोगों की सुरक्षा पर आधारित कार्यक्रम। यह कहानी एक परिवार के माध्यम से लू से होने वाले खतरों, चिकित्सा सलाह और सुरक्षा उपायों को दर्शाती है, साथ ही श्रोताओं को जागरूक करने का प्रयास करती है। आपकी राय में इस भीषण गर्मी में किस तरह से बाहर काम करने वाले लोग अपना ध्यान रख सकते हैं? हम किस तरह से इन लोगों की मदद कर सकते हैं?

इस भीषण गर्मी की चपेट में आने से बचना है, तो मौसम विभाग या सरकार द्वारा दी जाने वाली जानकारी और चेतावनी को गभीरता से समझना है और उन बातों का पालन करना है. सावधानी और सतर्कता, इन दोनों बातों का हमें ध्यान रखना है |इस भीषण गर्मी से जुड़ी चेतावनी आपको कहाँ से मिलती है ? चेतावनी सुनने या देखने के बाद आप क्या कदम उठाते है ? आप या आपके आसपास लोग इस भीषण गर्मी से बचने के लिए क्या करते है ?

बिहार राज्य के जमुई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता भीम राज जानकारी दे रहे हैं कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ लगाकर जीवन बचाओ के तहत एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।अनियंत्रित गर्म और ठंडी बारिश के पीछे केवल एक ही कारण है और वह यह है कि हम पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

इस भीषण गर्मी से बचना है तो इन बातों का हमेशा ध्यान रखना है। नियमित रूप से पानी पीना, भोजन में पौष्टिक तत्व और ठंडी चीज़ों को शामिल करना और हल्का भोजन करना। अगर आपने इस भीषण गर्मी से बचने के लिए कोई खास तरीका अपनाया है या फिर अपने भोजन में किसी तरह की कोई खास चीजें शामिल की हैं, जिससे कि इस भीषण गर्मी में कुछ राहत मिल सके, तो अपने ये उपाय सभी के साथ जरूर बांटें।

बिहार राज्य के जमुई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता भीम राज ने बताया कि जमुई जिले भर में रोहिणी नक्षत्र समाप्त हो गया है। लेकिन किसान अभी तक खेतों में बीज नहीं डाल पाए हैं, इसलिए पुरानी पद्धति की खेती करने वाले किसान चिंतित हैं। किसानों के लिए खेती के मुख्य नक्षत्र रोहिणी नक्षत्र के अंत के बाद, मिर्सीरा नक्षत्र भी समाप्त हो गया है। वहीं, बारिश की कमी के कारण जमुई जिले के किसान खेती नहीं कर सके। जमुई जिले के किसान काफी निराश और निराश प्रतीत होते हैं। कई किसानों का कहना है कि रोहिणी सबसे ज्यादा प्रभावित है। जहां धान के बीज बोने का सबसे अच्छा समय 15 जून माना जाता है, वहीं कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, इस साल रोहिणी महीना पहले ही बीत चुका है और मुर्गीशरा महीना भी बीतने वाला है । वहीं, इस साल भीषण गर्मी के कारण भूजल स्तर भी काफी नीचे चला गया है, इसलिए कृषि कार्यों के लिए लगाए गए समरसेबल मोटर पंप भी काम नही कर पा रहा है। विस्तार पूर्वक खबर सुनने के लिए ऑडियो क्लिक करें

लू लगने के लक्षण और घरेलू उपचार के साथ साथ सावधानियां और बचाव के तरीके, डॉक्टरी सलाह के साथ गर्मी से निपटने की तैयारियां। क्या आपने भीषण गर्मी यानी लू लगने के ऐसे लक्षण खुद में या अपने परिवार, दोस्त या पड़ोसी में देखे हैं? अगर हाँ, तो आपने या उन्होंने ऐसे में क्या कदम उठाए? भीषण गर्मी से जुड़ी और किस तरह की जानकारी आप सुनना चाहेंगे?

भीषण गर्मी और लू के कारण स्वास्थ्य, पर्यावरण, कृषि और अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ रहे हैं, इन सभी खतरों से निपटने के लिए हमें तैयारियां करनी होंगी।

गर्मी से बचने के लिए सभी जरुरी कदम उठाने होंगे | बिजली का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल ना करें, पानी का सही इस्तेमाल करें और जब तक ज़रूरी ना हो, घर से बाहर धुप में ना निकले |

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता भीम राज ने बताया कि जम्मू जिला प्रतिदिन आसमान में भीषण गर्मी का सामना कर रहा है। मनुष्य आग लगा रहे हैं, रात में भी उमस बनी हुई है, लोग उमस भरी गर्मी से परेशान हैं। जबकि अधिकतम तापमान तैंतीस डिग्री तक पहुंच गया है और न्यूनतम तापमान तीस डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। बदलते मौसम के कारण लोगों को कई तरह की बीमारियां हो रही हैं। चिलचिलाती धूप के कारण लोग अपने घरों से बाहर निकलना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से संवाददाता भीम राज ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उमस भरी गर्मी बढ़ने से स्वास्थ्य केंद्र दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गिद्धौर में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इस संबंध में स्वास्थ्य केंद्र के मरीज को पर्ची देने वाले चिकित्सा कर्मचारी ने कहा कि चार से पांच दिन तक अस्पताल पहुंचने वाले रोगियों में उल्टी,दस्त और बुखार सम्बंधित मरीजों की संख्या अधिक है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।