सरकार द्वारा किसानों को जो बीज उपलब्ध कराया गया उस बीज को लगाने के बाद मात्र 10 किलो कट्ठा के हिसाब से गेहूं का पैदावार हुआ है। जबकि किसान जब घर का गेहूं लगाता था तो उससे अधिक पैदावार होता था। इससे साफ पता चलता है कि सरकार द्वारा दी जाने वाली बीज अच्छी नहीं है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता रंजन कुमार ने शिव बिहारी तिवारी से साक्षात्कार लिया। जिसमें उन्होंने जानकारी दी की जलवायु परिवर्तन के कारण मनुष्य के साथ-साथ पशुओं और अन्य जीव जंतु भी प्रभावित हो रहे हैं।पहले की अपेक्षा वर्षा कम होने लगी है। जिसके कारण खेती भी प्रभावित हो रही है। हमारे क्षेत्र में कई चापाकल हैं जो खराब है। लेकिन उसे ठीक करवाने के लिए अभी तक किसी ने कोई पहल नहीं की है।इस क्षेत्र में मनरेगा के तहत भी आहर और तालाब का निर्माण नहीं करवाया जा रहा है

बिहार राज्य के जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से छोटे कुमार मोबाइल वाणी के मध्यम से कह रहे है कि फिलहाल खेती करने के लिए पानी की स्थिति सही नहीं है। आगे कह रहे है कि जल स्तर काफी नीचे चला गया है। जिससे किसानों को सिंचाई करने में काफी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा हैं। वहीँ दूसरी ओर मौसम का परभाव खेती के साथ ही मवेशियों और इंसानों पर भी पड़ रहा है। पहले की तुलना में इस बार पानी की कमी से गेहूँ की उपज भी कम हुई हैं।

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता रुदल पंडित ने नंदलाल पंडित से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि वो अभी खेती करते हैं। अभी जो जलवायु परिवर्तन हो रहा है इसको बचाने के लिए पोखर खुदाए हैं। इसकी जानकारी उन्हें मोबाईल वाणी से मिली है। खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता रुदल पंडित ने कृष्णा से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि वो अभी खेती बाड़ी करते है। अभी वो अपने खेत में गेहूं का फ़सल लगाये थे। जिसका कटनी हो गया। उसके अलावे प्याज की खेती किये हैं।खेत में उन्होंने कुछ फलदार पौधा भी लगाया था। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

जलवायु परिवर्तन का असर इंसानों के अलावा और भी प्राणियों पर पड़ रहा है। सरकार जलवायु परिवर्तन से लड़ने का प्रयास तो कर ही रही है,लेकिन हमें भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी ...

बिहार राज्य के जिला जमुई के प्रखंड गिद्धौर से रुदल पंडित ने बदलते मौसम के विषय पर पिंकी कुमारी से साक्षात्कार लिया । पिंकी कुमारी ने बताया वह खेती करती है। बदलते मौसम के कारण खेती करने में बहुत परेशानी हो रही है।उन्होंने अपने खेत पर मक्के और गेंहू की फसल लगायी है किन्तु कम पानी की वजह से फसल भी अच्छी नहीं हो रही है। जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए सभी को पेड़ पौधे लगाने चाहिए

गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत रतनपुर पंचायत के वानाडी गांव से अमित यादव जी बता रहे हैं कि इस वर्ष बारिश कम होने के कारण कोई भी तालाब एवं पोखर नहीं भरा। जिसके कारण जल स्तर नीचे चला गया है और बोरिंग पानी देना धीरे-धीरे कम कर रहा है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य के जिला से हमारे श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि गिद्धौर प्रखंड के किसान इन दिनों पटवन को लेकर काफी परेशान नजर आ रहे है क्योंकि बोरिंग का जलस्तर 25 से 30 फीट अंदर चला गया है। आगे कह रहे है कि एक खेत की सिचाई करने में कम से कम 2 घण्टे का समय लग रहा है। कह रहे है कि अभी अगर पानी का ये हाल है तो आने वाले दिनों में फसल लगाना काफी मुश्किल हो सकता हैं हो सकता हैं

जमुई जिला अंतर्गत गिद्धौर प्रखंड के सभी आठों पंचायत में इन दिनों पानी की किल्लत देखी जा रही है जिसके कारण गेहूं का फसल मरता हुआ नजर आ रहा है क्योंकि दो पानी किसान अपने गेहूं के फसल में दे चुका है और एक पानी के इंतजार में किसान आकाश की ओर देख रहा है अगर एक पानी और गेहूं को नहीं मिला तो इसका सीधा प्रभाव फसल पर पड़ेगा। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।