1. कर्मचारी की मौत पर पीएफ विभाग देगा कम से कम 2.5 लाख, नई व्यवस्था लागू :-- नौकरी के दौरान किसी हादसे का शिकार होने वाले कर्मचारी के परिजन को पीएफ विभाग से न्यूनतम 2.5 लाख रुपये मिलेंगे। इस संबंध में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह व्यवस्था 15 फरवरी से लागू भी कर दी गई है।दरअसल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कर्मचारियों के लिए कर्मचारी निक्षेप सहबद्घ स्कीम (इंप्लाइज डिपोजिट लिंक्ड इंश्योरेंस) चलाता है। इसके तहत कार्य के दौरान हादसे में कर्मचारी की मौत होने पर विभाग अधिकतम छह लाख रुपये का भुगतान करता था। न्यूनतम राशि का कोई भी प्रावधान नहीं था। अब विभाग ने स्कीम में संशोधन करते हुए 21 फरवरी को नोटिफिकेशन जारी किया है। अब काम के दौरान कर्मचारी की मौत होने पर परिजनों को विभाग न्यूनतम 2.5 लाख का भुगतान करेगा। हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें भी लगाई हैं। इसके तहत कर्मचारी को पिछले 12 महीने तक 15 हजार तक सैलरी का भुगतान होना चाहिए। उसके पीएफ खाते में जीरो बैलेंस नहीं होना चाहिए। हालांकि यदि किसी कर्मचारी की सैलरी इससे कम है तो उसे 2.5 लाख से कम का भुगतान किया जाएगा। वहीं इंप्लाइज प्रॉविडेंट फंड स्टाफ फेडरेशन के सलाहकार राजेश कुमार शुक्ला ने बताया कि विभाग की नई व्यवस्था से बड़ी संख्या में कर्मचारियों के परिजनों की सामाजिक सुरक्षा बढ़ेगी। 2. फैक्ट्री से निकाले 300 मजदूर 132 दिन से दे रहे धरना, मांग- काम पर वापस लो :- ठीकरी के पास निमरानी स्थित सेंचुरी यार्न डेनिम कंपनी के मालिक ने चार माह पहले कंपनी बिरला ग्रुप को बेच दी थी। इस दौरान नए मालिक ने कंपनी में 20साल से काम कर रहे 300 मजदूरों को निकाल दिया था। इसके बाद मजदूरों ने काम पर वापस लेने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू किया था। जो 132दिन बाद भी चल रहा है। कंपनी से निकाले गए मजदूर रोजी-रोटी के लिए भटक रहे हैं। कंपनी में करीब 1200 मजदूर कार्यरत हैं। इसमें से ठीकरी के करीब 400 मजदूर हैं। मजदूरों के विरोध के बाद से कंपनी बंद है। नगर के मजदूर कंपनी के बाहर धरना दे रहे हैं। साथ ही इनके सामने रोजी-रोटी का संकट है। कंपनी में मशीन ऑपरेटर सहित अन्य पदों पर कार्यरत मजदूर अब नगर में हाथ ठेला चलाकर व अन्य तहत से परिवार का भरण-पोषण करने को मजबूर हो रहे हैं। इसी तरह समाधान पाटिल भी सेंचुरी कंपनी में सिनजिंग आपरेटर के पद पर हैं। इनके 2 बच्चे है। यह ठीकरी में हम्माली करके अपने परिवार का गुजारा कर रहे हैं। अशोक नेहेते जोकि कंपनी में टेकलर के पद पर हैं। इन्हें 15रुपए मिलते थे। जबकि दिहाड़ी मजदूरी कर रहे हैं। इससे उन्हें 230 रुपए की कमाई हो पाती है। परिवार में 2 बच्चे। इससे परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है।
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भारत विशाल देश होने के नाते विभिन्न बहुमूल्य लोक गीतों से भरा पड़ा है, ये गीत इस विशाल क्षेत्र पर बसे विभिन्न संप्रदायों की संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं । और इसी परम्परा में आता है भोजपुरी लोकगीत।
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दिल्ली एनसीआर के गुरुग्राम से हमारे श्रोता साझा मंच के माध्यम से एक गीत प्रस्तुत कर रहे हैं जो महंगाई पर आधारित है।