-अधिकार को संगठित हो करें संघर्ष -बढ़ती गर्मी में मनरेगा स्थल पर छाया व पानी की व्यवस्था के निर्देश, श्रमिक समय से पहले भी काम पूरा कर जा सकता है घर
- 31 से 40 साल के युवा बन रहे मनरेगा श्रमिक, हैरान कर देगी वजह - जमालपुर रेल इंजन कारखाना में अब श्रमिकों को 8 घंटे से अधिक करना होगा काम; टाइम टेबल जारी
-काल बनता बढ़ता तापमान, काम के दौरान 240 करोड़ श्रमिकों को करना होगा सामना -दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश श्रमिकों को मिनिमम वेजेस देने में 127 देशों से पीछे
-गूगल में खत्म नहीं हो रहा छंटनी का सिलसिला -बढ़ती ‘गर्मी’ से ई-कॉमर्स कंपनियों के छूट रहे पसीने, समान पहुंचाने के लिए नहीं मिल रहे डिलीवरी बॉय
सुप्रीम कोर्ट ने हजारों टीचिंग स्टाफ नियुक्ति रद्द मामले में पश्चिम बंगाल के अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच को रोका पश्चिम बंगाल में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की 24,000 नियुक्तियां रद्द करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा आदेश जारी करते हुए सोमवार 29 अप्रैल को पश्चिम बंगाल राज्य सरकार के अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच पर रोक लगा दी है।शिक्षक भर्ती मामले में ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। ममता सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी है। यह मामला साल 2016 में की गई शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की लगभग 24,000 नियुक्तियों को रद्द करने के फैसले से जुड़ा है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2016 की शिक्षक भर्ती को रद्द कर दिया था। न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बार राशिदी की खंडपीठ ने सीबीआई को नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में और जांच करने तथा तीन महीनों में एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। पीठ ने पश्चिम बंगाल विद्यालय सेवा आयोग को नयी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश भी दिया था। पश्चिमी बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी जांच करती रही है। ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 230.6 करोड़ रुपये की प्रोपर्टी अटैच की थी। हीटवेव को देखते हुए मनरेगा मजदूरों के काम करने का बदलेगा समय बिहार राज्य में हीटवेव की स्थिति को देखकर मनरेगा मजदूरों की कार्य अवधि में बदलाव किया जा सकता है, क्योंकि आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से राज्य के सभी जिलों को लू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। इसमें सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है।इसके तहत मनरेगा मजदूरों के काम करने के समय में भी बदलाव करने की बात कही गई है, ताकि वे बीमार नहीं पड़े। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से कहा गया है कि मनरेगा मजदूरों से सुबह छह से 11 बजे और दोपहर 3:30 से शाम 6:30 बजे तक काम लिया जा सकता है। इससे वे हीटवेव की चपेट में नहीं आएंगे।इसके अलावा मनरेगा के तहत तालाब और नहर की अधिक से अधिक खुदाई कराने को कहा गया है, ताकि आम जनजीवन के साथ पशु और पक्षियों के लिए भी पीने का पानी उपलब्ध हो सके। इसके अलावा सरकारी नलकूपों के समीप बड़ा गड्ढा खुदवाया जाए।इसमें पानी एकत्रित किया जाए, ताकि पशुओं को पीने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सके। जहां पर मनरेगा मजदूर काम कर रहे हों, वहां पानी की व्यवस्था और आश्रय स्थल की व्यवस्था करने को कहा गया है।
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-बंधुआ मज़दूरी का जीवन जीने को विवश हैं ईंट भट्ठा मज़दूर -देशभर से एक आवाज- मज़दूर, किसान व जन विरोधी नीतियाँ रद्द करो
-कपड़ा फैक्ट्री में भीषण धमाका: बॉयलर फटने से दो मज़दूरों की मौत, 3 गंभीर -मतदान के लिये श्रमिकों एवं मजदूरों को मिलेगा सवैतनिक अवकाश
-श्रमिक संघ ने 10 वर्ष से काम कर रहे कर्मियों को नियमित करने की मांग की,कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब - पीएफ योजना से जुड़ सकते हैं लाखों नए कर्मचारी, सरकार इस पर कर रही है विचार
-पुरानी पेंशन योजना को लेकर 85 लाख सरकारी कर्मचारी करेंगे आंदोलन -युद्ध के कारण इस्राइली निर्माण क्षेत्र में श्रमिकों की कमी, भारत से 6000 श्रमिक जाएंगे इस्राइल