फरीदाबाद जिला के मिलाड कॉलोनी से लता श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि जब वे ईएसआई में जाती हैं वहां उन्हें लाइन लगानी पड़ती है और वहां पे दवाई भी नहीं मिलती है। अगर उनके घर में किसी को गंभीर बीमारी हो जाती है। तो उन्हें इलाज के लिए ईएसआई के चक्कर काटनी पड़ती है। उन्हें बस डेट दिया जाता है उनका काम नहीं होता है।वे मध्यम परिवार के लोग हैं प्राइवेट में इलाज नहीं करवा पाते हैं। लेकिन ईएसआई में इलाज नहीं होता है तो प्राइवेट में जाना पड़ता है।