नेताओं के भाषणों में कोई सच्चाई नहीं होती, वे हमेशा झूठ बोलकर चुनाव जीतते हैं, यह सोचकर कि जनता यहाँ मूर्ख है, वे कुछ भी कहते हैं और किसी पर कुछ भी आरोप लगाते हैं, वे इतिहास के बारे में कुछ नहीं जानते हैं, वे शिक्षा के बारे में कुछ नहीं जानते हैं, वे शिक्षित नेता नहीं हैं।कभी भी शिक्षित लोगों को नेता नहीं बनाया गया है। वे ऐसे नेता बनाते हैं है जो उनका काम करते रहे और वे उनके ठेकेदार बनके रहें ।