महाराष्ट्र के नागपुर से आदर्श मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि देश में जो कुछ भी बनाया जा रहा है, उसमें दो चीजें शामिल होनी चाहिए, पहला, मजदूर और दूसरा, लोगों का पैसा। सरकार लोगों के पैसे से सब कुछ बना रही है, चाहे वह राम मंदिर हो। लेकिन एक बड़े मंच पर बैठे मंत्री को वहाँ आमंत्रित नहीं किया गया था चाहे देश के राष्ट्रपति हों या उच्च पदों पर आसीन लोग, वे केवल विपक्षी दलों को आश्वासन दे रहे हैं ताकि राम राज्य की राजनीति आगे बढ़े और हिंसा और शांति का निर्माण हो। कौन कहता है कि सरकार मज़दूर को पैसे देती है, मज़दूर मेहनत कर रहा है, इसलिए उन्हें पैसे मिलने चाहिए। सरकार के भीतर काम करने वाली कंपनियां श्रमिकों के पैसे खाती हैं, श्रमिकों को पैसा नहीं मिलता है, श्रमिकों को दबाने का काम किया जाता है।