ताबिया मोबाइल वाणी के माध्यम से सरोज से बात कर रहीं हैं. सरोज का कहना है की फैक्टिरयों से निकलने वाला कचड़ा के साथ साथ घरों के कचड़ा को भी नदी में फेंका जाता है जिस कारण पानी दूषित हो गया है। इसी के कारण आज लोगों को पानी खरीदना पड़ता है