उत्तर प्रदेश के उनाव से रामकरण श्रमिक वाणी के माध्यम से कह रहें हैं की जीवन जीने के लिए जैसे रोटी कपड़ा मकान जितना ज़रूरी है उस से भी अधिक ज़रूरी रोज़गार है. यदि लोगों के पास रोज़गार होगा तब ही उनकी जीवन शैली में बदलाव आएगा वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकेंगे तथा भारत आगे बढ़ेगा