नमस्कार दोस्तों मैं राकेश सक्सेना। मैं एक दिव्यांग व्यक्ति हूँ। दोस्तों पहले मैं कमाने खाने के लिए रेलवे पर खिलोने बेचता था। बाद में इसका काम ठेकेदारों को मिल गया। सरकारी राशन से काम नहीं चलता है इसलिए रोजगार तो चाहिए ही
नमस्कार दोस्तों मैं राकेश सक्सेना। मैं एक दिव्यांग व्यक्ति हूँ। दोस्तों पहले मैं कमाने खाने के लिए रेलवे पर खिलोने बेचता था। बाद में इसका काम ठेकेदारों को मिल गया। सरकारी राशन से काम नहीं चलता है इसलिए रोजगार तो चाहिए ही