आपको तो पता ही है कि हमारी साझा मंच की टीम तिरुपूर पहुंची थी। इस दौरे में हमारी मुलाकात एक निजी कंपनी में काम करने वाली लक्ष्मी से हुई। जब लक्ष्मी को साझा मंच के काम के बारे में पता चला तो उन्होंने खुलकर अपनी समस्या हमसे कही। लक्ष्मी ने बताया कि उन्हें किसी कारण से अपनी कंपनी से इस्तीफा देना पड़ा था। पर बहुत समय गुजर जाने के बाद भी उन्हें अपने पीएफ की राशि नहीं मिली। पर लक्ष्मी ने साझा मंच की टीम से प्रेरित हो कर हिम्मत नहीं हारी और कुछ ऐसा किया, जिसके बाद कंपनी मालिकों को अपनी जिद छोड़कर पीएफ का पूरा पैसा लक्ष्मी को देना पड़ा। लक्ष्मी की कहानी कई और कर्मचारियों के लिए प्रेरणादायी हो सकती है। लक्ष्मी ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पांच साल कम्पनी में काम करने के बाद स्वास्थ्य में समस्या होने के कारण इस्तीफा देना पड़ा। वे बताती हैं कि उन्हें पीएफ और कंपनी के नियमों की पूरी जानकारी नहीं थी।पैसे की जरुरत होने पर उन्होंने कंपनी से पीएफ की राशि निकाली लेकिन उन्हें पीएफ की सही राशि नहीं मिली। साझा मंच के माध्यम से उन्हें कपनी के काम ,नियम एवं पीएफ की पूरी विस्तृत जानकारी मिली। लक्ष्मी ने दोबारा उसी कंपनी में काम करना शुरू किया ,जिसके बाद उन्हें पीएफ की सही और पूरी राशि मिली। पीएफ की राशि मिलने से लक्ष्मी बहुत खुश है और साझा मंच मोबाइल वाणी को बहुत धन्यवाद दे रही हैं।