बिहार राज्य के मुंगेर जिला से हमारे श्रोता बताते हैं कि कंपनी द्वारा पीएफ काटा जाता है लेकिन चढ़ाया नहीं जाता है। इससे यह ज्ञात होता है की मजदूरों का पैसा कंपनी रख लेती है। अतः सरकार कोई ऐसी व्यवस्था करे जिससे पीएफ रसीद में नाम खुद से जुड़ जाए।