उद्योग बिहार से नरेश कुमार वर्मा साझा मंच के माध्यम से बताते हैं कि फेज-3 के कम्पनी के नंबर- 490 में कार्य कर रहे मजदूरों के वेतन में काफी कटौती की जाती है। जब अधिकारी चैकिंग करने आते हैं तो ठेकेदार मजदूरों को सिखाते हैं कि यदि वेतन संबंधित कोई बात पूछा जाए तो वे सरकारी वेतन के अनुसार आठ हजार रूपए बताए। जबकि मजदूरों को केवल साढ़े छः हजार रूपए दिया जाता है जिससे पीएफ और ईएसआई भी काटी जाती है। और किसी भी मजदूरों को पीएफ तथा ईएसआई का कोई पेपर नहीं दिया जाता है।