रोशन कुमार पटेल पलामू लेस्लीगंज से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से जानकारी दे रहे है की कमलपुर स्कुल में किताबे नहीं आई है जिससे बच्चो को पढाई करने में दिक्कते आ रही है अत: सरकार से गुजारिश है की बच्चो को जल्द से जल्द किताबे दे.

पलामू लेस्लीगंज से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से नीलधवज जी कहते हैं की आज देश भ्रष्टाचार एवं महगाई में लिप्त हैं पर फिर भी गर्व हैं की देश आजाद हैं.

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लेस्लिगंग,पलामू से राजमणि यादव झारखण्ड मोबाइल वाणी पर ये जानकारी देते हुए कहते है बज्रपात से राजधारा आदिवासी टोला के दीपनारायण सिंह के एक बैल की मौत हो गयी भुक्तभोगी ने आपदा राहत कोष के तहत मुखिया से गुहार लगाई ,मौके का जायजा लेते हुए मुखिया ने प्रखंड के पदाधिकारियों से बात करके सहायता राशि दिलाने का आश्वासन दिलाया.

पलामू लेस्लीगंज से आर्यन प्रकाश ने झारखण्ड मोबाइल वाणी पर एक अंग्रेजी कविता प्रस्तुत किया.

पलामू लेस्लीगंज से आर्यन प्रकाश ने झारखण्ड मोबाइल वाणी पर एक कविता प्रस्तुत किया.

पलामू लेस्लीगंज से लवली वर्मा ने झारखण्ड मोबाइल वाणी पर एक कविता प्रस्तुत किया.

पलामू लेस्लीगंज से रिया प्रकाश ने झारखण्ड मोबाइल वाणी पर एक चुटकुला प्रस्तुत किया.

पलामू: लेस्लीगंज, पलामू से राजमणि यादव ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कृषि विशेषज्ञों से पूछा है कि पपीता की खेती के बिचड़ा कैसे तैयार की जाती है.इस पर प्रदान रांची के कृषि विशेषज्ञ श्री बापी गोराई जी ने विस्तार से जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि पपीता का बहुत से किस्म है लेकिन सबसे अच्छा किस्म माना जाता है भिनायक किस्म को.पपीता का खेती लगभग सालों भर किया जाता है.लेकिन अगर पानी की सुविधा उपलब्ध हो तो फरवरी-मार्च में कर सकते हैं, जून-जुलाई में कर सकते हैं और अक्टूबर-नवम्बर में भी कर सकते हैं.10 डिसमिल जमीन पर पपीता की खेती के लिए 20 ग्राम बिचड़ा की आवश्यकता होती है.बीजा का नर्सरी करने के लिए 40 बाईफाई का काला पोलीथिन में धान का भूसा, बालू, मिट्टी और गोबर का मिक्सचर तैयार करके भरा जाता हैइस मिक्सचर में धान का भूसा 2 हिस्सा, बालू बाई मिट्टी 2 हिस्सा और गोबर या केचुवा खाद रहेगा २ हिस्सा .इसके बाद प्रत्येक पोलीथिन में एक-एक बीज को डाला जाता है और ऊपर से गोबर का खाद डाल भी डाला जाता है. इसके बाद 1 लीटर पानी रिदम या 3 ग्राम पानी ग्लूकोपर मिलाकर पोलीथिन में पौधे को फुलाया जाता है इस तरह से यह प्रक्रिया करीब 25 दिनों तक किया जाता है.

Palamu: Rajmani Yadav called from Lesliganj, Palamu to share his concern on the fruitless plants of lemon which he planted. He wanted to know the treatment of the disease in the lemon plant where only flowers have come up without any fruit produce. PRADAN's agriculture specialist replied that due to hot weather the land losses moisture and hence the plant fails to give fruits. He also suggested him to use some enzyme spray in the plants.