पलामू: लेस्लीगंज, पलामू से राजमणि यादव ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कृषि विशेषज्ञों से पूछा है कि पपीता की खेती के बिचड़ा कैसे तैयार की जाती है.इस पर प्रदान रांची के कृषि विशेषज्ञ श्री बापी गोराई जी ने विस्तार से जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि पपीता का बहुत से किस्म है लेकिन सबसे अच्छा किस्म माना जाता है भिनायक किस्म को.पपीता का खेती लगभग सालों भर किया जाता है.लेकिन अगर पानी की सुविधा उपलब्ध हो तो फरवरी-मार्च में कर सकते हैं, जून-जुलाई में कर सकते हैं और अक्टूबर-नवम्बर में भी कर सकते हैं.10 डिसमिल जमीन पर पपीता की खेती के लिए 20 ग्राम बिचड़ा की आवश्यकता होती है.बीजा का नर्सरी करने के लिए 40 बाईफाई का काला पोलीथिन में धान का भूसा, बालू, मिट्टी और गोबर का मिक्सचर तैयार करके भरा जाता हैइस मिक्सचर में धान का भूसा 2 हिस्सा, बालू बाई मिट्टी 2 हिस्सा और गोबर या केचुवा खाद रहेगा २ हिस्सा .इसके बाद प्रत्येक पोलीथिन में एक-एक बीज को डाला जाता है और ऊपर से गोबर का खाद डाल भी डाला जाता है. इसके बाद 1 लीटर पानी रिदम या 3 ग्राम पानी ग्लूकोपर मिलाकर पोलीथिन में पौधे को फुलाया जाता है इस तरह से यह प्रक्रिया करीब 25 दिनों तक किया जाता है.