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जिला पूर्वी सिंहभूम,प्रखंड पोटका से सुबोध कुमार भगत जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है की राशन कार्ड के मामले में सरकार लापरवाही बरत रही है। पोटका प्रखंड के अंतर्गत जो सम्पूर्ण परिवार से है उन्हें अंत्योदय योजना से जोड़ा गया है और जिन्हें राशन कार्ड की आवश्यकता है उनका नाम खाद्य आपूर्ति की सूची में शामिल नहीं किया गया है।अतः ये मोबाईल वाणी के माध्यम से खाद्य आपूर्ति मंत्री को कहते है की जिस प्रकार चुनाव के समय अपने प्रतिनिधियों को द्वार-द्वार भेज कर लोगो से वोट की अपील करते है,ठीक उसी प्रकार अभी भी अपने जन-प्रतिनिधियों द्वारा इस मामले का सही तरीके से जाँच-पड़ताल कराये ताकि गरीबो को उनका हक मिल सके क्योंकि सम्पूर्ण परिवार को अंत्योदय योजना से जोड़ कर रखा जाता है,तो वो किसी काम का नहीं क्योंकि उनके पास तो पहले से ही बहुत कुछ है।जिनके पास कुछ नहीं है उन्हें अंत्योदय योजना से जोड़ा जाये और उन्हें ही इसका लाभ दिया जाये ।
पूर्वीसिंघभुम,पोटका प्रखण्ड से चक्रधर भकत जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बहुत से स्कूलों में छात्र-छात्राओं के आधार कार्ड नहीं बने है जिसके कारण स्कूल के हेडमास्टर द्वारा कहा गया है कि जितना जल्दी हो सके अपना आधार कार्ड स्कूल में जमा कराये, परंतु पंचायत क्षेत्रो में आधार कार्ड नहीं बन रहे है। हालांकि गोविंदपुर में आधार कार्ड बनाये जा रहे है, जो की हांथीबिंधा,आसनबनी और अलग-अलग पंचायत के लिए दूर है फिर भी आधार कार्ड तो बनाना जरूरी है, इसके लिए लोग समय निकाल कर अपने-अपने बच्चो को ले जा कर आधार कार्ड बना रहे है लेकिन वहां पैसो की खेल चल रही है फिर भी लोग मजबूर है, वही भुरखाडीह में आधार कार्ड बनाया जा रहा है जो आसनबनी पंचायत के अंतर्गत आते है, यहाँ पर एक -एक आधार कार्ड बनाने के लिए 150 रूपए लिए जा रहे है। वही स्कूली बच्चे आधार कार्ड बनाने के लिए कतारबद्ध खड़े हैं, लेकिन यहाँ पर आधार कार्ड बनने की स्थिति में नहीं दिख रहा है, बल्कि यहाँ पर लोगों को एक तारीख दिया जा रहा है जिसमे लोग दिए गए तारीख में जाते है,तो आधार कार्ड मिलता है और अगर वे दिए गए तारीख में नहीं जाते तो उनको आधार कर कार्ड नही मिलता है बल्कि उन्हें दूसरा तारीख दिया जाता है। इसलिए वे सरकार की ध्यान इस ओर आकर्षित करते हुए कहते है कि फिर से आधार कार्ड पंचायत स्तर पर बनाया जाये और वो भी निःशुल्क बनाया जाये क्योंकि सरकार इसे निःशुल्क बना रहे है। ये पैसो का खेल जनप्रतिनिधि के आँखमूंद लेने के कारण ही हो रही है इसमें उनकी भी भागीदारी है।
गांव कोगदा,प्रखण्ड पोटका से सुबोध कुमार भकत जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि किसानों का मन कृषि कार्य से उब चूका है और वे अपनी रोजी-रोटी के लिए शहरो की ओर पलायन कर रहे है।हांथीबिंधा पंचायत में लगभग 500 परिवार है, जिनमे से कुछ आदिवासी,कुछ मुंडा और कुछ कुम्हार समुदाय के लोग है। लगभग 500 परिवार में से 475-480 परिवार का जीवन यापन कृषि पर ही निर्भर करता है लेकिन यहाँ बिगत दो वर्ष से अच्छी बारिश नहीं होने के कारण किसानों का मन कृषि कार्य से उभ चूका है और वे शहरो की ओर पलायन कर रहे है साथ ही मौसम अनुसन्धान विभाग की ओर से सूचना मिली थी कि बिगत दो वर्ष की तुलना में इस बार अच्छी बारिश होगी इस उम्मीद से किसानो ने अपनी जमापूंजी खेतो में लगा दी , लेकिन वो भी व्यर्थ प्रतीत हो रहा है। इसलिए इन्होंने सरकार की ध्यान इस ओर आकर्षित कराते हुए कहा है कि जहाँ पर भी इस तरह की आबादी कृषि पर निर्भर करे उस क्षेत्र को अभी भी सिंचाई व्यवस्था से दूर रखा गया है हालाँकि एक कैनाल का निर्माण कार्य 1985 में शुरआत हुई थी लेकिन अभी 2016 का आठवा महीना होने जा रहा है फिर भी अभी तक कैनल निर्माण का काम पूरा नहीं हुआ है। अतः वे कहते हैं कि सरकार गांव कोगदा की ओर अपनी नजर घुमाये और इन किसान भाई-बहनों को सिंचाई की व्यवस्था उपलब्ध कराये क्योंकि जिस तरीके से फौजी हमारे देश की रक्षा करते है ठीक उसी तरह किसान भी इस देश की भागीदारी में अपना हिस्सा देते है।किसानों द्वारा ही उगाये गये फसल जैसे - धान,दलहन आदि जो की देश की सेवा एवं जनता के लिए काम आते है।
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सुबोध कुमार,पूर्वी सिंहभूम के पोटका प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है कि वृक्षों के अभाव में बढ़ता जा रहा है पर्यावरण का प्रदुषण।जिस तरह तेजी से जनसँख्या बढ़ रही है उससे अधिक तेजी से जंगलो की कटाई हो रही है।अगर निरंतर पेड़ो को काटते जायेंगे तो एक दिन पेड़ समाप्त हो जायेगा और पर्यावरण भी प्रदूषित हो जायेगा।इसलिए अगर पर्यावरण को प्रदुषण से बचाना है तो वृक्षारोपण पर अधिक से अधिक ध्यान देना होगा। वृक्षारोपण के ऐसे कई संस्थाए है जो लोगो को प्रोत्साहित भी कर रहे है.अगर आप भी इस तरह की जानकारी साझा करना चाहते है तो मिस्ड कॉल दे निशुल्क नंबर 08800097458 पर.
हिमांशु कुमार,पूर्वी सिंहभूम के पोटका प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है कि पूर्वी सिंहभूम में अकाल की छाया मंडरा रहा है क्योकि जुलाई महीने में औसत से कम बारिश हुई है जिस कारण किसान अपनी धान की रोपनी नहीं कर पा रहे है।केवल एक नंबर जमीन पर ही धान की रोपनी हो पा रही है.इससे साफ़ जाहिर है इस वर्ष पूर्वी सिंहभूम जिला में अकाल पड़ सकता है और किसानों को इससे आर्थिक क्षति भी होगी।
सुबोध कुमार भगत,पूर्वी सिंघभूम के पोटका प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है कि जल के अभाव में इस बार भी नहीं होगी अच्छी पैदावार। मौसम अनुसन्धान विभाग की ओर से जानकारी मिली थी की विगत दो वर्ष की तुलना में इस वर्ष अच्छी बारिश होगी और साथ ही फसल की पैदावार भी अच्छी होगी,उसी अनुसार किसानों ने अपनी जमा पूंजी खेतों में लगा दी लेकिन अभी देखा जा रहा है कि बारिश हो रही है लेकिन घास-फूस को बचाने के लिए। धान की पैदावार उपयुक्त बारिश नहीं हो रही है जिस कारण किसानों को निराशा हो रही है.
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सुबोध कुमार भगत,पूर्वी सिंघभूम के पोटका प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है कि जंगलों की निरन्तर कटाई से वायुमण्डल हो रहा है प्रदूषित। जिस प्रकार तेजी से जनसँख्या में वृद्धि हो रही है उतनी ही तेजी से जंगलों की अंधाधुंध कटाई भी हो रही है.कारखानों तथा गाड़ियों से गन्दगी निकल रही है,उससे वायुमण्डल भी उतना प्रदूषित होता जा रहा है। इसलिए इनका कहना है की यदि जितनी तेजी से पेड़ों की कटाई करते है उतने ही तेजी से पेड़ लगाना भी चाहिए।दोस्तो अगर आप भी इस तरह की कोई जानकारी हमारे साथ बाँटना चाहते हैं ,तो मिस्ड कॉल जरूर करें हमारा निःशुल्क नंबर -08800097458 पर।