पूर्वीसिंहभूम:लक्ष्मी देवगन ने जमशेदपुर प्रखंड के गदरा पंचायत में भूतपूर्व सैनिक रामनाथ दास और डॉ हिमांसु डे जी से घरेलु हिंसा के बारे में बातचीत की जिसमे डॉ साहब ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहा कि घरेलु हिंसा सिर्फ महिलाओं के ही ऊपर नही होता है बल्कि यह किसी के साथ भी हो सकता है जैसे घरेलु हिंसा के शिकार पुरुष,बुजुर्ग,बच्चे सभी हो सकते है.वे कहते हैं आईपिसी की धारा 498 का कभी कभी गलत फ़ायदा उठाया जाता है और महिलाएं पुरुषों पर या लड़की के घर वाले लड़की ससुराल वालों पर गलत इलज़ाम भी लगते है लेकिन रामनाथ जी कहते हैं कि कड़े कानून बनाये हैं दहेज़ प्रथा, घरेलु हिंसा या किसी प्रकार की उत्पीडन के लिए सरकार ने बाल एवं महिला मंत्रालय भी बनाई साथ ही कई सरे संगठन भी गठन किया है जैसे विभिन्न राज्यों में महिला आयोग लेकिन शीर्ष नेताओं द्वारा इस पर अमल नही किया जाता है और सबसे बड़ी बात है महिलाओं को शिक्षा के प्रति जागरूक नही किया जा रहा है.यहाँ तक कि विभिन्न राज्यों में महिला आयोग की अध्यक्ष है महिलाये उनके बिच भी इस तरह की शिक्षा का प्रसार नही करते है. डॉ हिमांसु डे कहते हैं कि इन सब विषयों को दशवीं कक्षा तक पाठ्यक्रम में जोड़ना चाहिए, घर-घर में किताब छपवा कर देना चाहिए, तभी जाकर लोगो में इसकी जानकारी हो पाएगी।उनका मन्ना है कि घरेलु हिंसा सिर्फ मारपीट करना ही नही हैं बल्कि किसी को पहनावे के लिए रोकटोक करना घरेलु हिंसा के दायरे में आता है.

पूर्वीसिंहभूम:गोविन्दपुर निवासी भूतपूर्व सैनिक रामनाथ सिंह और डॉ हिमांशु डे घरेलु हिंसा पर चर्चा कर रहे हैं जिसमे डॉ हिमांशु दे कहते है कि हिंसा किसी के साथ भी होती है बाप-बेटे के साथ घर में बच्चो के साथ होने वाली हिंसा घरेलु हिंसा के श्रेणी में आता है.रामनाथ जी कहते है अक्सर देखा जाता है कि स्त्रियों के साथ दहेज के कारन शारीरिक और मानशिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है इसके लिए सरकार ने कई कड़े कानून बनाया गया है सरकार ने आईपिसी की धारा 498 बनाया गया.डॉ हिमांशु दे कहते है कि आईपिसी की धारा 498 दहेज़ के लिए ही बनाया गया लेकिन दहेज़ के लिए न सिर्फ लड़के वाले दोषी हैं बल्कि लड़की वाले भी दोसी है क्योंकि लड़की वाले खुद दहेज़ देते है।अगर लड़की वाले यह थन लें की हम दहेज़ देकर लड़की कई शादी नही करेंगे तो लड़के वाले भी मजबूर हो जायेंगे बिना दहेज़ लिए शादी करने के लिए.साथ वे कहते हैं आईपिसी की धारा 498 का कभी कभी गलत फ़ायदा उठाया जाता है और महिलाएं पुरुषों पर या लड़की के घर वाले लड़की ससुराल वालों पर गलत इलज़ाम भी लगते है.लेकिन अगर दोनों परिवार किसी भी मुद्दे पर उठे विवाद को आपस में मिलकर सुलझा लेते है तो घरेलु हिंसा का मुद्दा का समाधान हो सकता है.

पूर्वीसिंहभूम:गदरा पंचायत,जमशेदपुर निवासी लक्ष्मी देवघन ने घरेलु हिंसा पर राजकीय मध्यविद्यालय की प्राधनाध्यापिका बाणी एक्का से बातचीत की जिसमे वे झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है,कि घरेलु हिंसा प्राचीन कल से हो रही है और आज भी हो ही रहा है आज घरेलु हिंसा के विरुद्ध में कानून भी बने हैं लेकिन अभी तक हम उससे लाभान्वित नही हो पाए है घरेलु हिंसा कई प्रकार से होती है जैसे स्त्रियों के साथ यौन शोषण,मारपीट,बच्चो के साथ भी होता है, दहेज़ के लिय प्रताड़ित किया जाता है.यहाँ तक की महिलाओं को घर से बाहर तक कर दिया जाता है कभी कभी महिलाओं को जान से मार दिया जाता है. वे कहती हैं कि गदरा पंचायत में तो लोग एक से अधिक शादियाँ करते है जिससे पति-पत्नी के बिच मधुर सम्बन्ध नही बन पाते है यह भी एक कारन है घरेलु हिंसा का.वे कहती है घरेलु हिंसा के विरुद्ध बने कानून को शाख्ती से लागु करना चाहिए है साथ ही लोगो को घरेलु हिंसा के प्रति लोगो को जागरूक किया जाये।पीड़ित लोगो के रहने हेतु वृधाश्रम जैसे कोई पनाह गृह का निर्माण किया जाना चाहिए।

सुजीत कुमार प्रजापति जमशेदपुर से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाहते है की इनदिनो बिजली की समस्या बहुत ज्यादा हो गया है इस से सबसे ज्यादा छात्रो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है रात के समय बिजली नहीं होने से उनकी पढाई बाधित हो रही है, इन्होने बिजली विभाग से अनुरोध किया है की कम से कम रात को बिजली मुहैया करायी जाये

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जमशेदपुर:सन्या डे झारखण्ड मोबाइल वाणी को यह सन्देश दे रही है कि आज हमारे प्रखंड में बहुत सारे बुजुर्ग लोग वोट डालने को निकले वे डंडा लेकर चल रहे थे पर उन बुजुर्गों के लिए वहां की व्यस्था करनी चाहिए थी।मुझे बहुत दुःख है कि संसद लोग इन बुजोर्गों के लिए कुछ नहीं किये।

जिला पूर्वी सिंहभूम से माया झारखण्ड मोबाईल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि जिसके घर में बेटी है उनके माँ बाप से कहना चाहती हैं की अगर घर में दो बेटी हैं तो बेटा या बेटी होने का इंतज़ार मत कीजियेगा दो बेटी भी बेटा से बढ़ कर है,बेटी को भी उतना ही मान सम्मान मिलेगा जितना की बेटा को मिलता है,बेटी ही अगर नहीं रहेगी तो दुनिया ही ख़त्म हो जाएगी,बेटी ही नहीं रहेगी तो परिवार ही नहीं रहेगा,बेटी को पराया न समझे।

जमशेदपुर :सीमा हेमरोम झारखण्ड मोबाइल वाणी में यह सन्देश दे रही है कि एक काम काजी महिला घर का सारा काम करती है रात 2-3 बजे उठ के और फिर दफ्तर भी जाती है। पति का कपडा धोना बच्चा का कपडा धोना, घर का खाना बनाना फिर काम काजी महिला को यदि दफ्तर में लेट हो जाए या फिर कुछ समस्या हो जाए तो महिला के ऊपर दबाव बनाया जाता है उसके पति या सास यह नहीं सोचते है कि मेरी बहु सुबह से उठ कर काम कर रही है।महिला के ऊपर बहुत अत्याचार हो रहा है। यह बात पुरुषो को भी सोचना चाहिए। हात बता कर काम करना चाहिए उससे शांति से जिंदगी चलेगी तभी तो खुशियाँ मिलेगी परिवार में। महिला के ऊपर दबाव बनाने से महिला टूट जायगी तो उसका घर भी टूट जायगा।पुरुष कृपया इस बात को समझे।

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जिला पूर्वी सिंहभूम से माया झारखण्ड मोबाईल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि बेटिओं को जो दहेज़ देना पड़ता है तो उसमे वो सरकार से गुजारिश कर रही हैं की बहुत लोग गरीब घर से हैं जो अपनी बेटी की शादी के लिए दहेज़ नहीं दे सकते हैं।