कैलाश गिरी चन्द्रपुरा बोकारो से झारखण्ड मोबाइल वाणी पर वि के वर्मा जी के द्वारा दी गए खबर पलायन के शिकार मृत मजदूर गणेश लाल जी के सम्बन्ध पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुई हमें बताया की पंचायत में पंजीकरण नहीं होने के कारण उनके परिवार को अभीतक मुआवजे की राशि देने से इंकार किया जा रहा है.श्रम विभाग के अधिकारी ने प्रखंड विकाश पदाधिकारी से यह अनुरोध किया है की उन्हें सरकारी सहायता प्रदान की जाये जिससे उनके परिवार का भरण पोषण हो सके.पलायन के पंजीकरण के सम्बन्ध में जन चन्द्रपुरा के प्रमुख अनिल सिंह से बात की गए तो उन्होंने बताया की सारे पंचायतो में पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध हैं जब इस सम्बन्ध में तेलों के मुखिया जुगल महतो एवं तारानारी के मुखिया गुप्तेश्वर महतो से इस सम्बन्ध में बात करने पर बताते हैं की उनके पंचायत में पंजीकरण की कोई वयवस्था नहीं हैं, उन्हें कवक फ़ोन के माध्यम से यह सुचना मिली हैं मगर कोई सरकारी आदेश नहीं मिली हैंजिस कारण अभी पंजीकरण का कार्य नहीं कर रहे हैं.उन्होंने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से श्रमायुक्त अधिकारी से यह आग्रह किया हैं की जो मजदूर बिना पंजीकरण के पलायन किये हैं वैसे मजदूरो का निबंधन किया जाये एवं पलायन करने वाले मजदूरो का निबंधन जरुरी किया जाये.

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Giridih: Sameer Kumar called from Birni, Giridih district to update about the irregularity of power supply in the region. He complained that in the past week the supply has gone further down with negligible availability of power to the houses. This has caused immense inconvenience for the residents of the region.

Vinay Chandan called from Birni, Giridih to talk about the conventional methods of Water conservation. He pointed out a number of traditional ways of conserving Water for different purposes. To name a few He said villagers dig tube wells, ponds, fisheries, canals etc to tap naturally available Water. The MNREGA funded canals are used for irrigating the fields. There are number of small sized tube wells installed in many places which is used to fetch water. He also mentioned about the big tube well installed in the his village mostly used for watering the plants in the fields.

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Nitish Kumar Verma from Birni block of Giridih, called to share his view on Holi and urged the listeners not to waste water on Holi. He went on to elaborate a mythological story on Holi where on the previous night of the festival people burn Holika as a symbolism of destroying evils in the society.

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बिरनी गिरिडीह से सुनील कुमार वर्मा जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी पर बताया की झारखण्ड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जिसके अंतर्गत वर्ग ८ के छात्रो को साइकिल वितरित किया जाता हैं ताकि दूर डॉ आने जाने वाले छात्रो को कथनी महसूस नहीं हो मगर आज इस में भी अनियमितता देखनो को मिल रही हैं. फ़िलहाल 20 मार्च को साइकिल वितरण किया गया जिसमे भी अनियमितता देखनो को मिली.स्कूल के प्रधानाध्यापक गलत बच्चो की सूची सोंप कर अपने रिश्तेदारों और अन्य स्कूल में पढ़ने वाले बच्चो को इस योजना का लाभ दिया जिसके कारण वैसे छात्रा वंचित रह गए जिन्हें इस योजना की जरुरत थी. झारखण्ड मोबाइल वाणी की तरफ से गिरिडीह के उपायुक्त से इसकी सिकायत कर इस पर करवाई की मांग की हैं.

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Raj Kishore Kumar called from Birni, Giiridih to talk about the rising water pollution in the Damoder river. He said that the length and depth of the river has favoured many industries to be installed in its bank. This has caused dumping of industrial waste into the river stream with ease. This has polluted the river water at faster rate than anyone can imagine.

गिरिडीह: कालेश्वर वर्मा ने धरमपुर बिरनी, गिरिडीह से झारखण्ड मोबाइल वाणी को बताया कि बिरनी प्रखंड में हाथियों का उत्पात लगातार जारी है, उन्होंने बताया कि करीब १४ की संख्या में हांथी गाँव में घुस आये और जगह-जगह पर उत्पात मचाना शुरू कर दिया इससे यहाँ के लोगो का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गए हैं हाथियों द्वारा जान-माल की क्षति भी पहुंचाई जाती है,जिससे लोग काफी परेशान हैं. अत: प्रशासन से अनुरोध है कि वन विभाग इस ओर ध्यान दे और हाथियों को यहाँ से ले जाए ताकि ग्रामीण बेखौफ रह सके.

गिरिडीह: दीपक कुमार ने बिरनी,गिरिडीह से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि दिनों-दिन जल स्तर गिरता जा रहा है,वे कहते हैं कि इसके पीछे कई कारण है लिपटस का पेड़ और उत्खनन. कई ऐसे पेड़ों को अधिक मात्रा में लगाया जाना जो अधिक जल शोखते हैं जैसे लिपटस का, उत्खनन भी काफी मात्रा में किया जा रहा है वर्तमान समय में उत्खनन कर कोयला, पत्थर निकाले जा रहे हैं जिससे जल का स्तर निचे जा रहा है. इतना ही नही बम ब्लास्ट होने से सीधा असर पर्यावरण पर पड़ता है.