झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला के कसमार प्रखंड से प्रमोद कुमार ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि देश में बेरोज़गारी एक प्रमुख समस्या बन चुकी है। ऐसे कई क्षेत्र है जहाँ युवक युवतियाँ शिक्षित हो कर भी बेरोज़गार बैठे हैं । बेरोज़गारी की बढ़ती समस्या निरंतर देश की प्रगति,शांति व स्थिरता के लिए चुनौती बन रही है।अशिक्षित बेरोज़गार के साथ साथ शिक्षित बेरोज़गार की संख्या में भी निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। रोज़गार की तलाश में यहाँ के युवक बाहर राज्य में पलायन करते हैं । फिर भी उन्हें दैनिक मज़दूरी से कम मज़दूरी मिलती है। साथ ही उन्हें जोख़िम भरे काम भी करना पड़ता है। इस कारण कई युवक, अपनी जान भी गवां बैठे है। परिवार वाले पहले से समस्याओं का सामना तो करते ही आ रहे थे और इस तरह की आकस्मिक घटना से उनकी परेशानियां और बढ़ जाती है। कसमार क्षेत्र में लोग रोज़ी रोटी के लिए कृषि पर निर्भर रहते है। इस क्षेत्र में न तो कारखाने हैं और न ही रोजगार के कोई अन्य विकल्प। इसी कारण लोग पलायन करने को विवश हैं । लोगों को रोज़गार मुहैया करवाने में सरकार उदासीन है।यहाँ यह भी देखा जाता है कि विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में परीक्षार्थियों को गुमराह किया जा रहा है। झारखंड के स्थापना के 20 वर्ष होने के बाद भी छट्ठी जेपीएससी की परीक्षा का कार्य आधा अधूरा पड़ा हुआ है। समय पर प्रतियोग्यता परीक्षा नहीं होने के कारण बेरोज़गारी की समस्या बढ़ती ही जा रही है। जो की एक गंभीर मुद्दा है।
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झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला के कसमार प्रखंड से प्रमोद कुमार ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कसमार प्रखंड अंतर्गत बरईकला पंचायत जो कसमार के दक्षिणी-पश्चिमी छोर पर स्थित है ,वहाँ के ग्रामीणों के आजीविका का साधन कृषि व मज़दूरी है। ग्रामीण कृषि व मज़दूरी के भरोसे ही अपना जीवन गुजर-बसर करते हैं। लेकिन देखा गया कि पंचायत में जितनी भी सड़के है ,उसकी स्थिति बेहद ही ख़राब अवस्था में है। सड़कों पर ज़गह -ज़गह गड्ढ़े हो जाने से ग्रामीणों को आवागमन में बहुत परेशानी होती है। ग्रामीणों की समस्या पर किसी भी जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट नहीं हो रही हैं। पंचायत के करकट्टा ग्राम से लेकर बरईकला ,दोगोटिया चौक , बरईखुर्द ,मुरतंगवा व कमला मार्केट के विभिन्न जगहों पर सड़क की स्थिति बदहाल है। किसानों को सामान लाने व ले जाने में बहुत दिक्कतें आती हैं। वाहनों के परिचालन में भी बहुत परेशानी आती हैं। इसके साथ ही राहगीर भी सड़कों की स्थिति से बेहद परेशान हैं ।
झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला के कसमार प्रखंड से कमलेश जयसवाल झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि कसमार प्रखंड के गरी पंचायत अंतर्गत राजस्व ग्राम तेल मूंगा में डाक विभाग की अपनी जमीन होने के बावजूद किराये के जर्जर भवन में 500 रूपए प्रतिमाह के किराए पर कसमार का डाकघर संचालित हो रहा है। तेल मुंगा स्थित जमीन का विवरण इस तरह है खाता नंबर 67 प्लॉट नंबर 365 -366 थाना नंबर 86 एरिया 31 डिसमिल भूभाग है।01.03.1964 से भाड़े के मकान में कसमार का डाकघर चल रहा है। 19 85- 86.1989- 90 में ₹169770 रुपए की लागत से चारदीवारी मेन गेट सहित बना कर छोड़ दिया गया है। स्थानीय ग्रामीणों ने 27.09.2002 को केंद्रीय लोक शिकायत निदेशालय को पत्र लिखकर डाकघर भवन बनाने की मांग किए। पुनः महामहिम राष्ट्रपति,माननीय प्रधानमंत्री, दूरसंचार मंत्री, तत्कालीन स्थानीय सांसद को पत्र द्वारा डाकघर भवन निर्माण की मांग किए जाते रहे हैं। स्थानीय समाचार पत्रों में डाकघर भवन निर्माण की मांग से संबंधित समाचार प्रकाशित होते रहा है। जनहित याचिका भी दाखिल किए गए हैं सरकार एवं अधिकारियों की उदासीनता के कारण आज तक यहां डाकघर भवन नहीं बन पाया है। कसमार प्रखंड के ग्रामीणों ने अविलम्ब कसमार डाकघर भवन निर्माण की मांग किए हैं। कसमार डाकघर भवन निर्माण की मांग को लेकर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा लगातार पत्राचार किया जाता रहा है।
हडिया--- स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक---
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