बिहार राज्य के जिला मुंगेर से विपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि व्यर्थ के जल दोहन को रोकने के लिए सरकार तो निरंतर प्रयास करते ही हैं परंतु व्यर्थ जल दोहन की जटिल समस्या का समाधान होता नजर नहीं आता है। भूजल स्तर लगातार घटता ही जा रहा है लेकिन आज की युवा पीढ़ी शिक्षित होते हुए भी अपनी आदत में बदलाव नहीं कर पा रही है। जब तक आम आदमी की सोच शुद्ध नहीं होगी तब तक व्यर्थ का जल दोहन नहीं रुकेगा। जल ही जीवन है इस सत्य कथन को आज की पीढ़ी बिल्कुल ही समझना नहीं चाहती है। बिहार में ऐसे कई इलाके हैं जहां लोगों को शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है, इसके लिए लोगों को संघर्ष करना पड़ता है और लोग अनेक बीमारियों से ग्रस्त होते चले जा रहे हैं। इसलिए हमें समय रहते व्यर्थ जल दोहन रोकने के लिए प्रयास करने होंगे तभी जल ही अमृत है और जल ही जीवन है का स्लोगन शब्दार्थ होगा।

धरहरा प्रखंड के इटवा पंचायत में पानी के लिए हाहाकार पूर्ण रूप से पानी जो है सूख चुका है पॉर्न

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से अबोध ठाकुर मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि आज 15 जून को नौवागढ़ी दक्षिणी पंचायत के रामदिरी गांव के दुर्गा स्थान के पास बसे हुए ग्रामीणों ने पानी की बढ़ती किल्लत तथा चापाकल ख़राब पड़े रहने की समस्या से परेशान होकर एनएच को जाम कर दिया था।कई बार ग्रामीणों ने मुखिया विभादेवी को इसका उपाय करने के लिए कहा लेकिन उनके द्वारा भी कोई उपाय नहीं किया गया। इसलिए इस भीषण गर्मी से व्याकुल ग्रामीणों को जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए सड़क जाम करना पड़ा और यह जाम चार घंटे तक चला।वही उस जाम के दौरान इस खबर को मुंगेर की आवाज मोबाइल वाणी चैनल पर चलाकर कर सभी वरीय पदाधिकारी को मैसेज भेजा गया।और इस खबर को सुनते ही सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी वीणा मिश्रा हरकत में आई और वह तुरंत पीएचडी विभाग के पदाधिकारी को फोन कर वहां पहुंचने के लिए कहीं और स्वयं भी जाम स्थल पर पहुंच कर ग्रामीणों को समझाया।वही उन्होंने कहा की जब तक वहां स्थाई निदान नहीं हो जाता है तब तक पीएचईडी विभाग से टैंकर द्वारा पानी की दिक्कत को दूर किया जाएगा ।उसी समय पानी का टैंकर भी मंगवा कर रामदिरी गांव पहुँचाया गया,जिससे वहां के ग्रामीण काफी खुश दिखे।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से गंगा रजक मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि नौवागढ़ी दक्षिणी पंचायत के रामदिरी गांव के दुर्गा स्थान के पास बसे ग्रामीणों को पानी का दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है ।वहां के ग्रामीणों ने बताया कि यहां के लोग इतनी भीषण गर्मी में प्यास बुझाने के लिए तड़प रहे हैं क्योकि यहां के सभी चापाकल खराब पड़े हैं ।स्थानीय मुखिया से भी ग्रामीण मिलकर इस समस्या को रखें ,परंतु अभी तक दूर नहीं हो सका है ।इसलिए अंत में ग्रामीण ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया।वही स्थानीय मुखिया जाम स्थल पर पहुंचकर जाम हटवाने का प्रयास कर रही है और ग्रामीण को इस समस्या का हल होने का भरोसा दिला रही है ,लेकिन ग्रामीण और आक्रोशित हो चुका है ।इसी के साथ स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जब तक जिला प्रशासन नहीं आएंगे तबतक एनएच का जाम नहीं टूटेगा।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से विपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि जल ही जीवन है। इसे बचाकर रखना ही हम मनुष्य का फर्ज बनता है ।भू गर्भीय जल का अनुचित बर्बादी होने से जल स्तर लगातार गिरता ही जा रहा है।भीषण गर्मी के इस मौसम में उत्पन्न जल संकट की समस्या से कई प्रदेशों के लोग जूझ रहे हैं ।वही जंगली जानवर हो या पालतू जानवर पानी की तलाश में शहर की ओर बढ रहे हैं,इससे असुरक्षा का भी खतरा पैदा हो गया है।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से विपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बिहार राज्य में जिस प्रकार साल दर साल वर्षा में कमी आ रही है उसी प्रकार भूजल स्तर गिरते ही जा रहा है. बिहार के अनेक जिला में पानी की कमी के कारण लोग बेहाल है,उनमें से सबसे अधिक पानी की समस्या मुंगेर जिला में है. बिहार में पेयजल के लिए लोग बेहाल हैं वही कई कुएं भी सूख चुके हैं. नदियां तालाब और पानी के अन्य स्रोत भी जमींदोज हो चुके हैं। वही बड़े शहरों में तो जिस प्रकार भूजल स्तर का दोहन किया जा रहा है उससे तो इंसानों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ती जा रही है। कुछ अधिक संपन्न लोग अधिक जल बर्बाद करते भी देखे जा देखे जा रहे हैं इसी के साथ जमीन से 500 फीट से भी नीचे से पंप द्वारा पानी निकाल कर घरों और गाड़ियों को धोया जा रहा है तथा बेतहाशा पानी बर्बाद किया जा रहा है। कुछ अधिक दबाव पड़ने पर कार्रवाई के नाम पर कुछ पैसे का चालान थमा दिया जाता है लेकिन प्यासे लोग तो हाहाकार कर ही रहे हैं और मवेशी भी प्यास से मारे जा रहे हैं। इसलिए इनका कहना है कि पानी की बर्बादी पर लोगों को लगाम लगाने की जरुरत है।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से विपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि मुंगेर प्रखंड क्षेत्र के गांवों एवं शहरों में जल संकट गहराने लगा है.लोगों के घरों के चापानल में भी पानी देना बंद कर दिया है हालांकि ऐसे में नल जल योजना काफी मददगार साबित हो रही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार गांवों में 10 से 20 फीट पर निकलने वाला पानी का स्तर नीचे कैसे चला गया है।वही सरकारी स्तर पर पानी को बचाने के लिए सरकारी स्तर पर कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहा है। केन्द्र हो या राज्य सरकार जल का व्यर्थ दोहन रोकने के लिए आए दिन तमाम तरह की घोषणाएं भी करती रहती है लेकिन उन पर कितना अमल हो रहा है इसको लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है। आज समरसेबल की इतनी बढ़ोतरी हो गई है कि पानी काफी ज्यादा बर्बाद हो रही है,यदि सरकार इसपर जल्द ध्यान नहीं देगी तो पीने के लिए लोगों को गंभीर संकट से गुजरना पड़ेगा।

मुंगेर के विपिन कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बोल रहे है कि मुंगेर प्रखंड क्षेत्र के वार्ड नंबर 5 शेरपुर के संस्कार भारती स्कूल के सामने जो समरसेबल मुंगेर नगर निगम के द्वारा लगाया गया है और मुंगेर प्रखंड क्षेत्र के वार्ड नंबर 5 के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या शेरपुर में भी समरसेबल पिछले 2 सालों से खराब पड़ी हुई है जिसके कारण यहां के दो-दो समरसेबल खराब हो जाने के कारण

मांझी टोला जगदीशपुर धारा महारानी वार्ड सदस्यों के द्वारा जल नल योजना की अभी तक रौनक नहीं दिखाई दी कड़ी धूप में यहां के लोग लगभग 100 मीटर की दूरी पर पानी लाने के लिए जाते हैं पानी पीने के लिए 100 मीटर की दूरी से लाना आसान है परंतु स्नान करना मुश्किल से लग रहा है जो रंजीता देवी बता रही थी 5 दिनों तक हम लोग स्नान नहीं करते हैं जिससे हमारे बच्चे बीमार पड़ते हैं

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि वर्षा जल के संग्रहण और संरक्षण की ओर नहीं जा रही है.बिहार राज्य में पिछले तेरह वर्षो में पूर्ण सुखाड़ अल्प वृष्टि के कारण भूगर्भीय जल स्तर में भारी गिरावट दिखाई दे रही है।शहरीकरण, ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु एवं मिट्टी की आर्द्रता की भारी कमी, जंगलो की कटाई तथा वृहद् पैमाने पर पेयजल संकट की स्थिति कई जिलो में उत्पन्न हो गई है ।अतः आम लोगों से अनुरोध है कि जल प्रबंधन के उपायों को अमल में लाया जाये ताकि भू -गर्भ जल स्तर में आ रही गिरावट को रोकने में सफलता पा सकें क्योंकि जल है तो कल है तथा जल अनमोल है। इसका उपयोग जरूरत के अनुसार ही करना चाहिए।