जिला स्वास्थ्य समिति और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) की तरफ से शनिवार को डीएचएस के सभागार में मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका विधिवत उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ राकेश चंद्र सहाय वर्मा ने किया। मौके पर डॉ वर्मा ने कहा कि टीबी एक ड्रॉपलेट इंफेक्शन है। यह किसी को भी हो सकता है। शुरुआत में इसके लक्षण भी सामान्य से ही दिखते हैं पर दो हफ्ते ही खांसी या बुखार हो तो तुरंत ही टीबी की जांच कराएं। भारत सरकार ने इसके उन्मूलन के लिए 2025 का वर्ष निर्धारित किया है। जिसके लिए ग्रास रूट पर कार्य करने की आवश्यकता है।