बरियारपुर प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की तैयारी में पूजा समितियां व युवाओं की टोली जुटी है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाके में धूमधाम से पूजा की तैयारी हो रही है। पांच फरवरी को मनाए जाने वाले सरस्वती पूजा यानि की बसंत पंचमी को लेकर मूर्तिकार मां सरस्वती की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।लेकिन जिस अनुपात में मूर्तिकारों ने मूर्ति का निर्माण किया है, उस अनुपात में मूर्ति की बिक्री नहीं होने की वजह से मूर्तिकारों में मायूसी देखने को मिल रही हैं। मूर्तिकारों का कहना है कि कोरोना की वजह से मूर्ति की बिक्री हर साल की अपेक्षा इस साल कम है। मूर्तिकारों द्वारा न्यूनतम पंद्रह सौ रुपए से लेकर अधिकतम ₹5000 तक की मूर्ति का निर्माण किया गया है। कोरोना को लेकर इस बार श्रद्धालुओं में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।कोरोना संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन ने सामूहिक रूप से सरस्वती पूजा का आयोजन नहीं करने, प्रतिमा विसर्जन एक ही दिन करने व विसर्जन में सिर्फ पांच लोगों के ही शामिल होने का निर्देश जारी कर दिया है।थाना अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभी को सरस्वती पूजा करनी होगी।