धरहरा (संवाददाता):- जिला शिक्षा पदाधिकारी दिनेश चौधरी के सख्त आदेश के बावजूद भी गैर शैक्षणिक कार्यों में लगे कुछ शिक्षकों ने अब तक मूल विद्यालय में अपना योगदान नहीं दिया है। वरीय पदाधिकारी के आदेश का उल्लंघन कर अब भी कई शिक्षक प्रखंड कार्यालय धरहरा में जमें हुए हैं। शैक्षणिक कार्यों को हाकिमों के आगे-पीछे घूम कर शिक्षा विभाग की राशि उठा रहे है। वैसे शिक्षकों के वेतन का भुगतान अब शिक्षा विभाग नहीं करेगा। प्राथमिक शिक्षा विभाग के डायरेक्टर के आदेश पर डीईओ दिनेश चौधरी ने सभी शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति विगत 10 दिसंबर को रद्द कर दी है। अब सभी शिक्षकों को हर हाल में अपने मूल विद्यालय में योगदान करना होगा। स्कूलों में योगदान कराने की सारी जवाबदेही अब बीईओ की होगी। प्राथमिक शिक्षा निर्देशक के आदेश के तहत जिले के सभी प्रकार के प्रति नियोजन को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का आदेश जारी किया गया। सभी प्रतिनियुक्त शिक्षक व शिक्षिका को आदेश दिया गया है कि पत्र प्राप्ति के साथ ही अपने मूल विद्यालय में योगदान दे दें। आदेश पत्र में यह भी कहा गया है कि सभी बीईओ यह तय करेंगे कि उनके क्षेत्र के किसी भी स्कूल से कोई भी शिक्षक किसी अन्य कार्यालय में प्रतिनियुक्त नहीं हैं। आदेश का अनुपालन नहीं होने की स्थिति अथवा इस प्रकार का मामला सामने आने पर संपूर्ण जवाबदेही संबंधित बीईओ की होगी। इस आदेश के बाद प्रतिनियुक्त शिक्षकों में खलबली मच गई है। वहीं आदेश मिलते ही अधिकांश शिक्षकों ने अविलंब मूल विद्यालय का रूख किया। जबकि कुछ शिक्षक अब भी निर्वाचन और नियोजन के नाम पर शिक्षा कार्यालय , प्रखंड कार्यालय, सहित अन्य कई विभागों में काम कर रहे हैं।