लंबित कांडों को त्वरित निपटान हेतु एपीपी/पीपी/डीपीओ एवं थानाध्यक्षों के साथ की गयी बैठक। न्यायालय में लंबित विभिन्न प्रकार के कांडों/परिवादों के त्वरित निपटान हेतु जिला दंडाधिकारी के अध्यक्षता में संग्रहालय सभागार में आज थानावार कांडों का गहन समीक्षा बैठक की गयी। अभियोजन पक्ष से जिला अभियोजन पदाधिकारी, सहायक अभियोजन पदाधिकारी, विशेष पीपी, एपीपी, सभी थानाध्यक्ष, सभी अनुमंडल पदाधिकारी उपस्थित थे। विधि प्रभारी श्री कुंदन कुमार ने कांडों के स्वरूप को अलग अलग सूचीबद्ध कर समीक्षा की रूपरेखा को रखी। आम्र्स एक्ट में लंबित कांड, जधन्य अपराध कांड, अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार संबंधित कांड, पाॅक्सो कांड, उत्पाद संबंधित कांड आदि स्वरूप के विभिन्न कांडों में अलग अलग कांडवार संबंधित पीपी एवं थानाध्यक्ष से अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गयी। जिला दंडाधिकारी ने बताया कि आज कल यदि कांडों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई पर गिरफ्तारी या कनविक्शन कम हुई है। त्वरित कार्रवाई हेतु सभी आवश्यक कदम उठाने का निदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि अनुसंधान में देरी गवाही का समय पर उपस्थित न होना आदि कांड निष्पादन में देरी का कारण बनता है। उन्होंने कांडवार लक्ष्य के साथ कार्य करने का निदेश दिया। थानावार प्रतिवेदन तैयार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं पीपी संयुक्त रूप से साप्ताहिक बैठक करे। उन्होंने कांडवार पंजी संधारित करने का निदेश दिया। जिसकी माॅनिटरिंग जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक स्तर पर की जाती है। बैंकों में सुरक्षा को लेकर विभिन्न उपायों पर भी निदेश दिये गये है। नियमानुसार सभी बैंकों में सीसीटीवी, अलार्म लगाने का निदेश दिया गया। एलडीएम 20 दिनों के अंदर सभी बैंकों में इस व्यवस्था को सुनिश्चित करायेगे। ग्राहक सेवा केन्द्र थाना एवं बैंक मिलकर नियमित रूप से बैठक करेगे। इसके अतिरिक्त अभियोजन पक्ष के वकीलों के पास लंबित कांडों का विस्तृत समीक्षा की गयी। समीक्षा के क्रम पोस्टमार्टम एवं इंज्यूरी रिपोर्ट में देरी होने की बात सामने आयी। सिविल सर्जन को निदेश दिया गया कि सात दिनों के अंदर संबंधित प्रतिवेदन अवश्य आ जाय। इसकी सतत माॅनिटेरिंग करते रहे। बैठक में सदर अनुमंडल पदाधिकारी श्रीमती खुशबू गुप्ता, अपर समाहर्ता श्री विद्यानंद सिंह उपस्थित थे।