जम्मू-कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 हटने के करीब तीन महीने बाद मोदी सरकार ने मंगलवार को यूरोपीय सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल को कश्मीर जाने की अनुमति दी है। अपने अनौपचारिक दौरे पर ये प्रतिनिधिमंडल कश्मीर में जमीनी स्थिति का जायजा लेंगे। बेशक यूरोपीय सांसदों की इस कश्मीर यात्रा को सरकार अनौपचारिक बता रही है, लेकिन कश्मीर पर अपने बदलते रुख को लेकर सरकार पर सवाल भी उठ रहे हैं, क्योंकि इसके पहले हाल ही में मोदी सरकार ने अमेरिकी सांसदों के एक दल को कश्मीर जाने की इजाजत नहीं दी थी। वहीं, विपक्ष के नेताओं को भी कश्मीर दौरे के लिए परमिशन नहीं मिली थी। अब यूरोपीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को आज कश्मीर जाने की अनुमति दी गई है। सरकार ने ये फैसला ऐसे समय पर लिया है, जब पाकिस्तान, तुर्की, मलेशिया जैसे देश अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर का मुद्दा उठा रहे हैं। बता दें कि आर्टिकल 370 पर फैसले लेने के बाद कश्मीर के कुछ इलाकों में लगातार 84वें दिन तक कई तरह के बैन लगे हैं।  कश्मीर दौरे के लिए इजाजत देने के पीछे सरकार की क्या मंसा रही होगी.? कश्मीर में ऐसे हालत होने के बावजूद क्या सरकार का यह निर्णय सही है..?आप अपने विचार और अनुभव हमारे साथ साझा करें अपने फोन में नंबर 3 दबा कर।अगर यह खबर अच्छी लगी तो लाईक का बटन जरूर दबायें।