मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.नरेश गोन्नाड़े ने बताया कि प्राय: शीत लहर माह दिसंबर एवं जनवरी में घटित होती हैं, जिसके चलते सर्द हवाओं के कारण स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव संभावित है। शीत लहर का नकारात्मक प्रभाव वृद्धजन एवं 05 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर अधिक होता हैं। इसके अलावा दिव्यांगजनो, बेघर व्यक्तियों, लम्बे समय से बीमारियों से ग्रसित रोगियो, खुले क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले छोटे व्यवसायियों के लिये शीत लहर के दौरान विशेष सतर्कता बरतना जरूरी है। आगामी दिवसों में शीत लहर एवं तीव्र शीत लहर चलने की संभावना है। ऐसी स्थिति मे दीर्घकालीन बीमारियों (कोनिक डिसीज) जैसे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, श्वास संबंधी बीमारियों वाले मरीज, वृद्धजनों, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा जनसामान्य को ऐसे मौसम में सावधानियां बरतना अत्यंत आवश्यक है।
