नमस्कार आज मंगलवार 27 फरवरी है, मोबाइल वाणी पर आपका स्वागत है। सुनिये मध्यप्रदेश की आज की अहम खबरें। -- मप्र में पिछले दिनों पटवारी भर्ती को लेकर सरकार ने स्थिति साफ कर दी और तय कर दिया कि परीक्षा पर घोटाले के आरोप जांच में गलत पाए गए हैं और अब नियुक्तियां होंगी लेकिन परीक्षा में शामिल हुए युवा इससे सहमत नहीं है। ऐसे में ये युवा जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं। सोमवार को इन छात्रों ने नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के बैनर तले इंदौर में प्रदर्शन किया और तय किया कि 28 फरवरी को भोपाल पहुंचकर अपना विरोध जताएंगे। उल्लेखनीय है कि बीते साल हुई पटवारी परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लगाए गए थे और रिजल्ट आने के बाद नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई थी लेकिन अब चुनाव होने के बाद इस परीक्षा को पूरी तरह सही बताया गया और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करदी गई है। -- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देशभर के 554 रेलवे स्टेशन के रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। इनमें मध्य प्रदेश के 33 स्टेशन शामिल हैं। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री दिल्ली से वर्चुअली जुड़े और उन्होंने रिमोट के जरिए प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा, 'रेलवे से जुड़ी 2 हजार से अधिक परियोजनाओं का आज एक साथ शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। इस सरकार के तीसरे टर्म की शुरुआत जून से होने वाली है। अभी से ही जिस स्केल-स्पीड पर काम होना शुरू हो गया है।' माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से मप्र में स्टेशनों का काया कल्प होगा और इस घोषणा से चुनाव से पहले सरकार की छवि और बेहतर नजर आएगी। -- मध्य प्रदेश पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। पूर्ववर्ती शिवराज सरकार द्वारा लिए गए कर्ज और उसका ब्याज मौजूदा मोहन यादव सरकार के लिए सिरदर्द बन चुकी हैं। वहीं, अब अपने कार्यक्रमों के लिए मोहन यादव सरकार ने भी वही तरीका अपनाते हुए ताबड़तोड़ कर्ज लेना शुरू कर दिया है। प्रदेश पर बढ़ते कर्ज को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चिंता व्यक्त की है। कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'मध्य प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार प्रदेश को कर्ज के दलदल में शिवराज सरकार से भी तेजी से ले जा रही है। मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार 27 फरवरी को सरकार 5000 करोड रुपए का कर्ज ले रही है। इस तरह अपने करीब 2 महीने के कार्यकाल में ही नई सरकार ने 17500 करोड रुपए का कर्ज ले लिया है। पिछली सरकार पहले ही प्रदेश के ऊपर 3.50 लाख करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज छोड़ गई थी।'