यह एक ऐसी साग या रानी रानभाजी है, जिसे मेरे परिवार में हर वर्ष जनवरी फरवरी के माह भोजन के रूप में ग्रहण करते आ रहे थे। मेरे ही तरह मेरे पिताजी भी भारतीय व्यंजन सांस्कृति के बड़े कायल हैं । वे क्षेत्रीय शाक भाजियों, कंदों, जंगली फलों एवं फूलों को बड़े शौक से बुलवाया करते थे।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।