शेखपुरा जिले में कोरोना मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि के बाद अचानक अब उनकी संख्या लगभग शून्य हो गई।क्लिक कर सुने पुरी खबर।

डीएम इनायत खान ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन कृतसंकल्पित है। जिला प्रशासन के द्वारा नित्य नए-नए कार्यक्रम किए जा रहे हैं। इससे बचने के लिए मास्क पहनाना, सोशल डिस्टेंस का अनुपालन और अपने हाथों को लगातार हैंड वाश करना आवश्यक है।इसके तहत सभी पंचायतों के सभी वार्डों में स्थानीय मुखिया और वार्ड मेंबर के द्वारा निशुल्क 4 मास्क का और एक साबुन का वितरण किया जा रहा है।इसकी जन जागरूकता के लिए गीत संगीत एवं नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। रविवार को जिले में 10 पॉजिटिव मरीजो का नेगेटिव परिणाम आया है ।आइसोलेटेड में भर्ती 10 व्यक्ति कोरोना वायरस को हराकर स्वस्थ हुए हैं जिनको सम्मान आइसोलेटेड केंद्र से विदाई दी जाएगी।उन्होंने बताया कि सभी स्वस्थ हुए मरीजों को आवश्यक दवाएं ,परामर्श, सर्टिफिकेट्स देते हुए सम्मान विदाई दी जाएगी ।आज 10 व्यक्ति स्वस्थ होने वाले में भुनेश्वर यादव ,नीतू कुमारी, सुदामा महतो ,पप्पू मंडल, डब्ल्यू मंडल ,सुबोध कुमार ,मुस्ताक आलम ,नीतीश कुमार, आकाश कुमार एवम शिव कुमार महतो है ।

डीएम इनायत खान के आदेश के आलोक में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए दूसरे राज्यों से यहां आए हुए तमाम प्रवासी नागरिकों को युद्ध स्तर पर चिकित्सकों की टीम के द्वारा डोर- टू- डोर प्रतिदिन जांच किया जा रहा है । सभी प्रखंडों में विशेष अभियान चलाकर होम क्वारंटीन में रहने वाले सभी प्रवासी नागरिकों की जांच की जा रही है। जिले में 105 टीमों के द्वारा 3359 व्यक्तियों की जांच की गई है। जिला में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है केवल सतर्क और सावधान रहना है। डॉ कृष्ण मुरारी सिंह एसीएमओ ने बताया कि अभी तक किसी व्यक्ति में संक्रमण का कोई लक्षण नहीं पाया गया है ।जिलाधिकारी के निर्देश के आलोक में होम क्वारंटीन में रहने वाले सभी व्यक्तियों को प्रतिदिन हेल्थ चेकअप किया जा रहा है। इसके तहत उसके घर के मुख्य दरवाजे के बाहर एक पोस्टर चिपकाया गया है जिस पर कोरोना वायरस से बचने का उपाय लिखा हुआ है और प्रतिदिन जांच करने वाले सुपरवाइजर उस पर अपना हस्ताक्षर करते हैं। इसके अलावे जिला में डोर टू डोर सर्वे चलाकर 15190 व्यक्तियों का अब तक मेडिकल चेकअप किया गया है। 14 दिनों तक उनके घर में जाकर डोर टू डोर हेल्थ चेकअप कर रिपोर्ट करना है । जिला अधिकारी शेखपुरा ने स्पष्ट कहा है कि वृद्धजन गर्भवती महिलाएं, बच्चों एवं शारीरिक रूप से कमजोर और बीमार व्यक्तियों कोरोना वायरस का संक्रमण का खतरा अधिक है इसलिए इन पर विशेष मेडिकल चेकअप की आवश्यकता है।जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंस एवं मास्क का उपयोग अति आवश्यक है।

सोमवार को प्रखंड अंतर्गत हुसैनाबाद में जीविका द्वारा मास्क निर्माण केंद्र की शुरुआत की गई है। हुसैनाबाद पंचायत के मुखिया आलोक कुमार ने इस केंद्र का विधिवत उद्घाटन किया। उन्होंने इस केंद्र से 10,000 मास्क का ऑर्डर भी दिया।. इस अवसर पर मुखिया ने जीविका को गुणवत्तापूर्ण मास्क बनाने का आग्रह किया। उद्घाटन अवसर पर मुखिया के अलावा जीविका के प्रखंड परियोजना पदाधिकारी रंजीत कुमार, क्षेत्रीय समन्वयक संजीव कुमार, सामुदायिक समन्वयक आभा कुमारी, रणधीर कुमार, जीविका मित्र रेणु कुमारी आदि मौजूद थे. ।।इस अवसर पर जीविका के प्रखंड परियोजना प्रबंधक ने बताया कि अब हम लोगों को कोरोनावायरस के साथ जीने का तरीका ढूंढना चाहिए।. सभी को दूरी बनाकर चेहरे पर मास्क लगाना अनिवार्य है। इसके साथ ही साबुन के साथ 20 सेकंड तक बार-बार हाथ धोना भी कोरोना बचाओ की एकमात्र तकनीक है। उसने बताया कि जीविका द्वारा इसके पूर्व जिले के लगभग सभी प्रखंड मुख्यालयों में मास्क निर्माण केंद्र का संचालन शुरू कर दिया है। उद्घाटन अवसर पर मुखिया आलोक कुमार ने मनरेगा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी को जीविका दीदी के परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने की सलाह दी।

डीएम इनायत खान के आदेश के आलोक में उपविकास आयुक्त के द्वारा जिले में अबतक चेवाड़ा में 700व्यक्तियों को मनरेगा के तहत कार्य उपलब्ध कराया गया हैं। सभी मनरेगा कर्मियों को साबुन, हैन्डवास, मास्क, पेयजल आदि उपलब्ध कराया गया है।जिला पदाधिकारी ने स्पष्ट कहा है कि सभी क्वाॅंरंटीन केन्द्रो पर विशेष अभियान चला कर इच्छुक प्रवासी नागरिको को जाॅब कार्ड बनाना सुनिष्चित करें।कैम्प से बाहर निकलते ही मनरेगा के द्वारा कार्य करने का अवसर प्रदान करें। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि गाॅंव में रहने वाले गरीब व्यक्तियों पर विशेष ध्यान देने की आवष्यकता है। खाने पीने में किसी व्यक्ति को दिक्कत नहीं होनी चाहिए। योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहले पहुॅंचाना सुनिष्चित करें।

केंद्रीय सरकार के निर्देशों के अनुसार इस लॉक डाउन लॉक डाउन के दौरान भी ऐसे कई कार्य है जिन्हे जारी रखने का आदेश है। लेकिन कई और परिशानियों के साथ कही न कही मन में ये सवाल भी आता है कि बाहर जाकर काम करने से क्या हम और हमारे परिवार सुरक्षित रह पाएंगे।इस विषय पर आपकी क्या राय है?