माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किसान बुलाया गया था जिसको लेकर एक काफी हंगामे हुए थे किसानों को भी हमें कुछ खास पसंद नहीं आया वो उनके अपेक्षाओं पर नहीं उतरा इसे पर किसानों ने आंदोलन कर दिया बिल को रद्द करने के लिए तो आज प्रधानमंत्री द्वारा यह बिल रद्द कर दिया गया
जी हां आज बिहार के विभिन्न जिलों में तीन कृषि काला कानून और बढ़ती महंगाई के खिलाफ किसानों का भारत बंद का असर देखने को मिला देश के बहुत सारे किसान संगठनों के द्वारा जगह जगह पर प्रदर्शन कर भारत बंद को सफल बनाया गया जिसमें कुछ जगहों से तोड़फोड़ की भी खबर आई है वही इस में विपक्षी दलों के साथ-साथ अन्य राजनीतिक दलों का भी समर्थन देखने को मिला जिसमें राष्ट्रीय जनता दल भाकपा माले और बहुजन समाज पार्टी के साथ-साथ अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी मौजूद थे धन्यवाद आप सुन रहे मोबाइल वाली न्यूज़ एक्सप्रेस
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भारत बंद को विभिन्न किसान संगठनों ने समर्थन देने का एलान किया है। इसे ले किसानों की एक बैठक शनिवार को हुई। जिसमें किसानों ने 27 सितंबर को भारत बंद के समर्थन में सड़क पर उतर सरकार के किसान विरोधी नीतियों का विरोध करेंगे। किसानों ने कहा कि अप्रत्यक्ष रूप से किसानों की खेती को गुलाम बनाने की तैयारियों को अमलीजामा पहनाने का काम मोदी सरकार कर रही हैं। समय रहते किसान नहीं चेते तो लेने के देने पड़ सकता है। किसान जात-पात से उपर उठ अपने हको-हुकूक के लिए तीनों काला कानून रद्द कराने के लिए आगे आए। किसानों ने गांवों में किसानों में जागरूकता पैदा करने का संकल्प लिए।
शेखपुरा शहर के निजी सभागार में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक किसान महासभा के जिला सचिव कमलेश कुमार मानव की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में किसान महासभा और किसान सभा से जुड़े किसान नेता के अलावा भाकपा माले और माकपा के नेता भी शामिल हुए। बैठक में किसान की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई। कमलेश कुमार मानव, विजय कुमार विजय, कमलेश प्रसाद, बिरबल शर्मा, राजेन्द्र प्रसाद, गरीब प्रसाद, नवल प्रसाद, राजेश कुमार राय, शिवनन्दन यादव, रामकृपाल सिंह आदि किसान नेता और पार्टी नेताओं ने सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर किसान महासभा के जिला सचिव कमलेश कुमार मानव ने बताया कि साढ़े आठ महीनों से किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के बोर्डरों पर करो या मरो की स्थिति में जुटे हुए हैं और केंद्र सरकार से " माँग मानो या गद्दी छोड़ो" की बात कर रहे हैं। उन्होने बताया की किसान और कृषि विरोधी तीनों कृषि कानून वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीद की गारंटी करने, बिजली बिल 2020 वापस लेने के नारों के साथ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर से क्रांति दिवस पर 9अगस्त को शेखपुरा में किसान मार्च निकाला जाएगा। यह राष्ट्रव्यापी मार्च दोपहर 12 बजे पटेल चौक से जिला समाहरणालय तक जाएगा। उन्होंने इस अवसर पर जिला के किसानों के साथ साथ विभिन्न किसान संगठनों के नेता को भी इस किसान मार्च में भाग लेने का आह्वान किया है।इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत किसान विरोधी तीनों काला कानून की प्रतियां जलाया गया। इस अवसर पर अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य परिषद सदस्य व जिला सचिव कमलेश कुमार मानव ने कहा कि आज 5 जून को ही 2020 में भारत सरकार ने अलोकतांत्रिक तरीके से कृषि और किसान विरोधी तीनों काले कानून का अध्यादेश लाया था। इसलिए आज शेखपुरा सहित पूरे देश में किसान संगठनों द्वारा काले कानून की प्रतियां जलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 5 जून को 1974 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के द्वारा संपूर्ण क्रांति का नारा दिया गया था और तत्कालीन फासीवादी सरकार को उखाड़ फेंका गया था। आज पुनः फासीवादी ताकतों के विरोध में संपूर्ण क्रांति के आंदोलन की शुरुआत की स्मृति में भारत सरकार द्वारा कोविड-19 लॉक डाउन की आड़ में अध्यादेश के रूप में लाए गए कृषि कानूनों का विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज विश्व पर्यावरण दिवस भी है । देश भर के किसान इसे सकारात्मक रूप में मनाने के लिए वृक्षारोपण भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज विश्व भर में पर्यावरण में आई विकृतियां सृष्टि के लिए सबसे भयावह यानी मौत का पैगाम लेकर आया है। पर्यावरण को ठीक करना मानव समाज का प्रथम कार्यभार बनना चाहिए। जिला में यह कार्यक्रम अखिल भारतीय किसान महासभा की अगुवाई में कमलेश कुमार मानव, कमलेश प्रसाद, राजेश कुमार राय, विजय कुमार विजय, शिवनंदन यादव, विश्वनाथ प्रसाद, सूबेलाल कुमार, राम कृपाल सिंह, राजेंद्र पासवान, महेश पासवान, तेतरी देवी, नरेश मांझी प्रभु यादव आदि दर्जनों नेता व कार्यकर्ताओं द्वारा अपने अपने गांव–घरों में किया गया।विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
करगहर जगजीवन राम स्टेडियम में गुरूवार को किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह संयुक्त किसान मोर्चा के नेता चौधरी राकेश टिकैत ने जमकर सरकार का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार अमीरों के पक्ष में किसानों को जबरजस्ती तीन कृषि कानून लागू की हैं। जिससे किसानों को कोई जरूरत नहीं है। वह किसानों को उनकीं फसल को कम रेट में बेचने पर मजबूर कर दी
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अरियरी प्रखंड के मसोढ़ा गांव में किसान पंचायत लगाया गया| अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा आयोजित किसान पंचायत के सभा की अध्यक्षता किसान नेता प्रमोद कुमार ने किया| इस पंचायत में मसोढा गाँव के सैकड़ों किसान मजदूर भाग लिए। इस अवसर पर नेताओं ने अपने वक्तव्य में मोदी सरकार से किसान विरोधी तीनों कृषि कानून वापस लेने की माँग किया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
महान किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती के जन्म दिवस के अवसर पर 11 मार्च से शुरू किया गया। किसान पंचायत शुक्रवार को अरियरी प्रखंड के कसार गाँव में आयोजित किया गया। इस अवसर पर सभा की अध्यक्षता रामदेव रविदास और संचालन शिव रविदास ने किया| सभा को संबोधित करते हुए नेताओं ने किसान विरोधी तीनों कृषि कानून वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाजों की बिक्री संबंधित कानून बनाने, बिजली बिल 2020 वापस लेने आदि माँग सरकार से किया।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।