बिहार राज्य के सारण जिला से संजीत कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि दिन प्रतिदिन पेट्रोल की कीमत में बढ़ोतरी से महगांई बढ़ती जा रही है। वैसे घरो में खासकर दिक्कत हो रही है जहा पर कमाने वाले एक और खाने वाले आठ है।बेरोजगार युवक आर्थिक तंगी के कारण किसी निजी फार्म ,दुकानों या फैक्ट्री में कार्य कर रहे है कई उपभोक्ताओ ने बताया गैस के दाम निश्चित रहती तो अच्छा रहता उन्होंने तयह भी बताया की गैस सब्सिडी की राशि की निकासी नहीं हो पाती है जिससे गरीब माध्यम वर्ग के परिवारों को ज्यादा दिक्कत हो रही है।जिससे वे अगले माह फिर से 820 रुपये के जुगाड़ में लग जाते है। अगर सरकार पेट्रोल की कीमतों पर लगाम नहीं लगा पाएगी तो जनता आर्थिक परेशानियों से जूझती रहेगी।

बिहार राज्य के सारण जिला से अजय कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि आये दिन पेट्रोल की कीमत में बढ़ोतरी से महगांई बढ़ती जा रही है।जो लोगो की जेब भारी करती जा रही है।इससे जहा एक तरफ आम जनता त्रस्त है वहीं छोटे व्यपारी भी परेशान है। विभिन्न आने जाने वालों स्थानों का किराया बढ़ गया है किसी रूट पर 6 रुपये की बढ़ोतरी हुई है ती कही कही पर किराया में 35 रुपये तक की बढ़तरो हुई है।अत : लोग बढ़ते आवागमन किराये से आर्थिक रूप से परेशान होते दिख रहे है।लोगो का कहना है कि अगर सरकार जल्द ही इस पर काबू नहीं करेगी तो आम जनता की रोजमर्रा की जिंदगी में अस्थिरता रहेगी और जेब खर्च पर अलग से असर पड़ेगा।

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बिहार राज्य के सारण जिला के दिघवारा प्रखंड से अजय कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से जानकारी दी है कि स्वास्थ्य विभाग के लिए सरकार ने बहुत सारी योजनाएं बनाई है।लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से स्वास्थ्य विभाग को अपने कार्यों में कामयाब होते नहीं देखा जा रहा है।दिघवारा स्वास्थ्य केंद्र में मरीज़ों को कोई भी सुविधा नहीं मिलती है। मरीज़ों को प्रसव और बीमारियों से सम्बंधित नाम मात्र की ही दवायें उपलब्ध हैं, ज़्यादातर दवायें बाहर से खरीदनी पड़तीं हैं,जिस पर कमीशन बंधी होती है।कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को सही तरीके से नहीं निभाते है।मरीज़ों के रख-रखाव के नाम पर केवल खानापूर्ति होती है।अधिकारी भी इस पर विशेष ध्यान नहीं देते हैं।सरकार कई योजनाएं लागू करती है लेकिन कर्मचारियों की मिलीभगत से व्याप्त भरष्टाचार के कारण मरीज़ों तक सुविधायें नहीं पहुंच पातीं हैं ।

जिला सारण प्रखंड सोनपुर से संजीत कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की शराब पर सख्त कानून लागू होनी चाहिए। बिहार में शराब पूर्ण रूप से बंद है फिर भी सरकारी लचर वयवस्था के कारण व भरष्ट प्रशासन की वजह से आज भी शराब की बिक्री व बनाने के कार्य छिप कर हो रहे है. बिहार में ऐसा कोई प्रखंड नहीं है जहां शराब की बिक्री नहीं हो रही है।लोग चोरी छिपे शराब पी रहे है और ऊंचे दामों में खरीद कर पी रहे है। पूर्ण शराब बंदी का थोड़ा फर्क पड़ा है की बिहार में समाज में जो लोग शराब पीकर गाली गलौज ,रंगदारी ,चौक चौराहों पर या अपने घर-परिवार के लोगो को मारते-पीटते थे उनमे कमी आयी है।बिहार में शराब मोबाइल पर आर्डर के द्वारा मगांए जा रहे है और ऊंचे दामों पर शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है।आये दिन बड़े बड़े शराब माफिया पकडे जाने की खबर पूर्ण शराब बंदी पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है।

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