आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे अपने श्रोताओं की राय

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हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार बीस तीन सालों में दुनिया के पांच बड़े व्यापारियों की संपत्ति में दोगुने से ज्यादा का इजाफा हुआ है, जिस समय इन अमीरों की दौलत में इजाफा हो रहा था, ठीक उसी समय पांच मिलियन लोग गरीब से और ज्यादा गरीब हो रहे थे। इससे ज्यादा मजे की बात यह है कि हाल ही में दावोस में हुई वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की बैठक में शीर्ष पांच उद्योगपतियों ने एक नई रणनीति पर चर्चा और गठबंधन किया।

दोस्तों, दुनिया भर में काम के घंटे घटाए जाने की मांग बढ़ जा रही है, दूसरी तरफ भारत काम के घंटों को बढ़ाए जाने की सलाह दी जा रही है। भारत में ज्यादातर संस्थान छ दिन काम के आधार पर चलते हैं, जिनमें औसतन 8-9 घंटे काम होता है, उस हिसाब से यहां औसतन पैंतालिस घंटे काम किया जाता है। जबकि दुनिया की बाकी देशों में काम के घंटे कम हैं, युरोपीय देशों में फ्रांस में औसतन 35 घंटे काम किया जाता है, ऑस्ट्रेलिया में 38 घंटे औसतन साढ़े सात घंटे काम किया जाता है, अमेरिका में 40 घंटे, ब्रिटेन में 48 घंटे और सबसे कम नीदरलैंड में 29 घंटे काम किया जाता है। दोस्तों, बढ़े हुए काम घंटों की सलाह देना आखिर किस सोच को बताता है, जबकि कर्मचारियों के काम से बढ़े कंपनी के मुनाफे में उसका हक न के बराबर या फिर बिल्कुल नहीं है? ऐसे में हर बात पर देशहित को लाना और उसके नाम पर ज्यादा काम की सलाह देना कितना वाजिब है? इस मसले पर अपना राय को मोबाईल वाणी पर रिकॉर्ड करें और बताएं कि आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, आप भले ही मुद्दे के पक्ष में हों या विपक्ष में, इसे रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं अपने फोन से तीन नंबर का बटन

दोस्तो, आज अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस है... यह दिन खासतौर पर उन महिलाओं को समर्पित है... जो काम तो पुरुषों के बराबर करती हैं पर जब वेतन की बात आती है तो उन्हें कम आंका जाता है... क्या आप भी ऐसी परिस्थितियों से गुजरे हैं? इस खास दिन पर आपके क्या विचार है.. फोन में नम्बर 3 दबाकर रिकॉर्ड करें.

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मध्य प्रदेश सीएम ने की बड़ी घोषणा

आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम का दिया ज्ञापन

रोजगार सहायको के लिए बड़ी ख़वर उनको मानदेय बड़ा दिया गया !

मध्यप्रदेश राज्य के शिवपुरी जिला से सलोनी शर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बता रहीं हैं कि खनियाधाना जनपद की ग्राम पंचायत अमरपुर देवरा में मजदूरों को मजदूरी नहीं दी जा रही है। साथ ही मनरेगा के तहत मजदूरों से काम न करवाकर मशीनों से जमकर काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मनरेगा योजना के तहत जिलाधिकारियों द्वारा ग्राम पंचायत अमरपुर देवरा में भ्रष्टाचार काफी देखने को मिला है। उन्होंने यह भी बताया कि तालाब निर्माण को लेकर फर्ज़ी मजदूरी का डाटा तैयार करके हाजरी दिखाई गई। जिसके चलते मजदुर अपने राज्य से पैसे को लेकर पलायन कर रहे हैं