बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा बरेल चौराहे पर स्थापित है जहां पर समस्त ग्राम वासियों ने किया बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी का फूल माला के साथ स्वागत किया।

मध्यप्रदेश राज्य के विकास जिला के खनियादाना से श्यामलाल लोधी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि 7/04/2024 को उनके द्वारा मोबाइल वाणी पर एक खबर प्रकाशित किया गया था। जिसमे बताया गया था कि नल जल की सुविधा नहीं मिलने के कारण ग्रामीणों को बहुत परेशानी होती है। इस खबर के प्रकाशन के बाद इस समस्या को सम्बंधित अधिकारी के साथ साझा किया गया था। जिसपर संज्ञान लिया गया और गांव में नल जल योजना के तहत पाइप लाइन बिछाई जा रही है। जिससे ग्रामीण खुश हैं और मोबाइल वाणी को धन्यवाद दे रहे हैं

29 मार्च

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मध्यप्रदेश राज्य के जिला शिवपुरी से श्यामलाल लोधी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है सम्मानीय ज्योतिरादित्य सिंदिया ने जन कल्याणकारी योजना के सम्बन्ध में लोगों को बताया।

नमस्कार दोस्तों, आप मोबाइल वाणी शिवपुरी मध्य प्रदेश से मैं अनिल साथियों हम बात करेंगे सुन रहे हैं, हमारी मोबाइल वाणी पर चल रहा कार्यक्रम, विपक्षी दलों की संख्या उनसठ है। नदियों, झीलों, तालाबों, पेड़ों में, कभी-कभी चुनावों में, इस मुद्दे पर कभी कोई चर्चा नहीं होती। हम शिवपुरी जिले की तहसील की बात करते हैं। शोर में कस्बा खोड़ जिसके तहत कई गाँव आते हैं जहाँ इस बार मार्च, अप्रैल, मई और जून में पानी की बहुत समस्या होती है। इन सभी चार से पांच महीनों के लिए, पानी की सबसे अधिक समस्या है। इस समय इतनी समस्या है कि कुओं या नदियों या तालाबों में पानी नहीं है। अगर आप पानी के प्यासे हैं तो सोचिए कि जंगल के लिए पानी मिलना नामुमकिन है, इसलिए उसमें पेड़-पौधे सूख रहे हैं, जंगल सूख रहा है, इसलिए कम बारिश हो रही है, लोगों को कई परेशानियां हो रही हैं। इसलिए, कभी भी कोई चुनावी मुद्दा या कोई उम्मीदवार यह घोषणा नहीं करता है कि हम पानी बर्बाद नहीं करने जा रहे हैं या इसका उपयोग कैसे करें। इन चीज़ों के बारे में कोई कभी नहीं बताता, कोई भी इस चीज़ के बारे में बात नहीं करता। खोड़ गाँव के पास दो नदियाँ हैं, एक महुआर नदी में गिरती है और दूसरी एयर नदी में गिरती है। अगर एयर नदी सिंध में मिलती है, तो सिंध का बांध मणिखेड़ा जाकर बनाया गया है, लेकिन मकुर भी बहुत आगे जाकर बनाया गया है, ताकि उस चीज से उन लोगों को फायदा हो, लेकिन कम से कम यहाँ जो गाँव है। बीस-पच्चीस गाँव आते हैं जिनके लिए पीने के लिए पानी भी नहीं है, जो पहाड़ी क्षेत्र का गाँव है, इसलिए उन गाँवों में पीने के लिए पानी भी नहीं है, लोग पीने के लिए पानी के लिए तरसते हैं, हेड पंपों में पानी नहीं है, बोरे या दाख की बारियों में पानी नहीं है। कुओं में पानी नहीं है, तालाबों में पानी नहीं है, कहीं भी पानी नहीं है, इसलिए लोग वहां से पानी लाते हैं।

विश्वकर्म योजना में कोई भी अपना आवेदन कर सकता है

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