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देवघर जिले से बलबीर जी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि वर्तमान समय में हो रही सड़क दुर्घटना उचित प्रशिक्षण के अभाव के वजह से हो रहा है। सरकार को सही प्रशिक्षण लेने वालों को ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी करनी चाहिए।ऐसा कर के ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाया जा सकता है। लापरवाह युवा शराब पी कर और मोबाईल से बात करते हुए गाड़ी चलाते हैं एवं दुर्घटनाओं को अंजाम देते हैं। ऐसे नशाखोर लोग सड़क पर गाड़ी ले कर निकल जाते हैं और शहर ,गाँव के सार्वजनिक स्थानों में लोगों या मवेशिओं को टक्कर मारते हैं।सरकार की जिम्मेवारी है कि वो यातायात के कठोर नियम बना कर ,उसे लागु करे तथा ,प्रशिक्षित एवं जिम्मेदार व्यक्ति को ही लाइसेंस जारी करे।साथ ही यातायात नियमों का उलंघन करने वालों पर सख्त कार्यवाही करे।

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देवघर जिले के मानिकपुर पंचायत से राजीव रंजन जी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि झारखण्ड में CNT-SPT संशोधन एक्ट अधिनियम लागू नहीं होना चाहिए, क्यूंकि ये एक्ट किसान विरोधी एक्ट है।सभी किसान अपने मेहनत से कूदाली लेकर खेतो को बनाया है इसलिए उन भूमि को सरकार द्वारा चिन्हित कर छोड़ देना चाहिए। लेकिन झारखण्ड सरकार किसानो की अनदेखी करते हुए भिन्न-भिन्न तरह के किसान विरोधी निति लागु कर रही है। जिसके कारण किसानो को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वे झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से सरकार से आग्रह करना चाहते है कि झारखण्ड में CNT-SPT एक्ट संशोधन नहीं होना चाहिए।

झारखंड के देवघर जिला से बलवीर ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सरकार द्वारा सी एन टी और एस पी टी एक्ट का संशोधन करना गलत है।सरकार की मनशा अच्छी होती तो ,संशोधन पर अंकुश लगाते और जनता और किसानो का ख्याल करते।"जमीन है तो जहान है,जमीन है तो किसान है" जनता ,किसान और मजदूरों का ख्याल नहीं कर के ,सी एन टी और एस पी टी एक्ट में हस्तक्षेप कर सरकार ,इन सब की परेशानी बढ़ा रही है।गरीबों को उनके जमीन से बेदखल कर के,उनका जमीन बड़े -बड़े उद्योगपतिओं को देना चाह रही है।किसानों को विस्थापित करने की निति पर सरकार काम कर रही है।वर्तमान समय में ,झारखण्ड में आदिवासी और मूल-वासिओं को नौकरी नही मिलता है।अगर इनके पास जमीन होगा तो,खेती कर के भी ये लोग अपने परिवार का भरण -पोषण कर सकते हैं।परन्तु सरकार चाह रही है गरीबों का जमीन हड़प कर ,वहाँ शहर बनाना।शहर में ज्यादातर बाहरी लोग रहते हैं।सरकार राजनितिक हित से प्रेरित होकर ये शहर बनाना चाह रही है ,इस चक्कर में आदिवासी और वासिओं के हित को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।उद्योग घरानों से ,सरकार का लगाव अब खुल कर सामने आ गया है।

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