बीरबल महतो,जिला धनबाद के बाघमारा प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि आज के भाग-दौड़ जिंदगी में सड़क दुर्घटना होना आम बात है,लोग अपनी सुख-सुविधाओं के लिए अनेक प्रकार के यातायात साधन अपनाये है परन्तु अपनी असावधानी के कारण सड़क दुर्घटनाये होती रहती है।कई बार देखा जाता है की अधिकतर वाहनचालक नशे का सेवन करते है जिसके कारण दुर्घटना होती है।वही कुछ गाड़ीचालक गाड़ी चलाने के दौरान फोन पर बात करते है जिससे उसका ध्यान रास्ते से भटक जाते है जिसकारण दुर्घटना होती है इसके साथ कुछ गाड़ी ओवरलोड होने के कारण संतुलन खो जाते है।

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला से बीरबल महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सी एन टी और एस पी टी एक्ट में संशोधन आदिवासिओं और मूलवासिओं के साथ अन्याय है।संशोधन के द्वारा उनके साथ विश्वासघात किया जा रहा है।झारखण्ड के आदिवासिओं और मूलवासिओं ने अंग्रेजों के साथ लम्बी लड़ाई लड़ी एवं कई बलिदानों के बाद उन्होंने अपने सम्मान एवं अधिकार को पाया है।अगर सरकार संशोधन को लागू कर देती है तो,जमीन की कीमत छः गुना तक बढ़ जाएगी, जिससे गरीबों पर टैक्स का भार अधिक बढ़ जायेगा। इस बढे हुए टैक्स को गरीब अगर नहीं चूका पाएंगे तो सरकार उनकी जमीनों को अपने कब्जे में लेकर नीलाम कर देगी। इस प्रकार आदिवासी और मूलवासी अपने ही जमीन से बेदखल हो जायेंगे और खुद को ठगा महसूस करेंगे।झारखण्ड की धरती बिरसा मुंडा और सिंधु-कान्हू जैसे महान लोगों की कर्मभूमि है।झारखण्ड राज्य की आज आवश्यकता है, कि सांसद और विधायक, अपने पार्टी से ऊपर उठ कर आदिवासिओं एवं मूलवासिओं के स्वाभिमान की रक्षा हेतु कार्य करें और सी एन टी और एस पी टी एक्ट में संशोधन का विरोध करें अन्यथा बहुत देर हो जाएगी।सरकार पलायन कर रहे झारखंडियों को रोके, इनके लिए रोजगार मुहैया करवाए ,तभी जाकर झारखण्ड का विकास संभव होगा। अन्यथा सरकार की बातें हाथी के दाँत के समान प्रतीत होंगी।

धनबाद से बीरबल महतो जी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि माता -पिता नादानी या मजबूरी की वजह से अठारह साल से कम लड़की और इक्कीस साल से कम लड़के की शादी कर देते हैं।बाल -विवाह कानूनी अपराध के साथ -साथ एक सामाजिक कुरीति भी है।एक तरफ हम बच्चों के उज्वल भविष्य की कामना करते हैं ,समानता और विकास की बात करते हैं।वहीं दूसरी तरफ बाल -विवाह कर के उन के जीवन के साथ खिलवाड़ करते हैं।बाल -विवाह करने के पीछे कई कारण हैं , जैसे -माता-पिता दहेज देने से बचने के लिए समय से पहले ही लड़की की शादी कर देते हैं।साथ ही अशिक्षा तथा सरकार द्वारा बनाई गई निति का दृढ़ता पूर्वक पालन नहीं करना,मुख्य कारण है।इस कुप्रथा को रोकने के लिए सभी बुद्धिजीविओं को आगे आना होगा और बच्चों को उनका अधिकार दिलवाना होगा।बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे ,इस के लिए माता -पिता ,परिवार के साथ -साथ समाज को भी अपना योगदान देना होगा। बाल -विवाह को खत्म कर,भारत को महान बनाना होगा।

बीरबल महतो जी धनबाद के मोहदा से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि बाल विवाह माता पिता एवं अभिभावक द्वारा अपने बच्चों को दिया जाने वाला एक सजा कहा जाये ,तो यह कहना गलत नहीं होगा। यह माता-पिता की नादानी ही है कि वे 18 वर्ष से पहले लड़की एवं 21 वर्ष से पहले लड़के की शादी कराते हैं। वे कहते हैं कि एक तरफ तो हम अपने बच्चों की उज्जवल भविष्य की कामना करते है ,समानता एवं विकास की बातें करते हैं, वहीं दूसरी तरफ हम अपने बच्चों का बाल विवाह कर बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ भी करते हैं।समाज में व्याप्त बाल विवाह के कई कारण हैं जैसे-दहेज़ प्रथा, सामाजिक कुरीतियाँ ,अशिक्षा और गरीबी आदि। दहेज़ प्रथा के कारण माता-पिता अपने दायित्व से छुटकारा पाने के लिए अपने बच्चों की शादी जल्दी करा देते हैं।साथ ही सरकार द्वारा बनाये गए नियमों का ठीक से पालन नहीं करना बाल विवाह का एक बड़ा कारण है।बाल-विवाह बच्चों के साथ विश्वास घात करने के बराबर है,जिसे रोकने के लिए समाज के साथ सभी वर्गों के शिक्षित लोगों को आगे आना होगा और बच्चों को उनका अधिकार दिलाना होगा। इसके लिए जरुरी है कि अपनी छोटी सोच को बदलें और बच्चों का भविष्य सवाँरे,तभी हमारा भारत देश महान बन पायेगा ।

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