नमस्कार जोहार में मदनलाल चौहान बाघमारा धनबाद से आज भारत चंद्रयान तक पहुंच गया है लेकिन सरकारी स्कूलों की व्यवस्था प्रतिदिन बाद से 72 होती जा रही है क्योंकि स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं का भाव है जैसे कि भवन का ठीक-ठाक नहीं होना शौचालय एवं पानी की अभाव इत्यादि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे गरीब और दलित और पारिवारिक आय बहुत ही कम होती है एवं गरीबों का जीवन चुनौतियों भरा होता है लड़कियों की शिक्षा पर यह गंभीर सवाल उठता है कि शौचालय का नहीं होना और है तो उसकी साफ सफाई पर गंभीर चिंतन का विषय है नेता बोर्ड जीतने के बाद 5 वर्षों पर ही दिखाई देते हैं ऐसे में उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है नेता अपने बच्चों को विदेशों में पढ़ा अच्छी शिक्षा के लिए भेजते हैं और नेता यह जानती है कि सरकारी स्कूलों में अगर बुनियादी सुविधाओं से लैस हो और अच्छी पढ़ाई हो तो अधिकार देने की बात कहने वाले नेता की बात पर चले जाने वाली जनता उन्हें दोबारा वोट देकर नहीं जीताएगी नेता यह सब कुछ जानता है की जिस दिन यह गरीब दलित शिक्षित होगा उसे दिन चले जाने वाले नेताओं की हार का मुंह देखना होगा इसलिए हिंदू मुस्लिम मंदिर मस्जिद कर उन्हें डीआईजी भ्रमित करता है और बार-बार छलता ही रहता है बोलेंगे तो बदलेगा इसलिए आपका बोलना जरूरी है