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धरनी,पूर्वी सिंघभूम से मोबाइल वाणी के माध्यम से पर्यावरण पर एक कविता प्रस्तुत कर रहे है जिसमे बता रहे है की पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए।तो दोस्तो अगर आप भी इस तरह की कोई जानकारी हमारे साथ बाँटना चाहते हैं ,तो मिस्ड कॉल जरूर करें हमारा निःशुल्क नंबर -08800097458 पर।

मिथिलेश तिवारी,पूर्वी सिंघभूम के पटमदा से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है कि किसानो के समक्ष दिख रही है बड़ी आपदा।लगातार बारिश नहीं होने से किसानो के समक्ष बहुत बड़ी गम्भीर समस्या नजर आ रही है वह है खेती न होना।खेती न होने से झारखण्ड जैसे खेती पर निर्भर राज्य को बड़ा झटका लग सकता है,एक ओर जहां सरकार मुफ्त में अनाज देने का वादा कर रही है वही दूसरी ओर खेती नहीं होने से लोगो में समाज के प्रति चिंता बढ़ती जा रही है.यदि सरकार इस पहल का कोई दूसरा पहल नहीं करती है तो काफी विकट परिस्थिति सामने आएगी।

सुबोध कुमार भगत,पूर्वी सिंघभूम के पोटका प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है कि जंगलों की निरन्तर कटाई से वायुमण्डल हो रहा है प्रदूषित। जिस प्रकार तेजी से जनसँख्या में वृद्धि हो रही है उतनी ही तेजी से जंगलों की अंधाधुंध कटाई भी हो रही है.कारखानों तथा गाड़ियों से गन्दगी निकल रही है,उससे वायुमण्डल भी उतना प्रदूषित होता जा रहा है। इसलिए इनका कहना है की यदि जितनी तेजी से पेड़ों की कटाई करते है उतने ही तेजी से पेड़ लगाना भी चाहिए।

सुबोध कुमार भगत,पूर्वी सिंघभूम के पोटका प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है कि जल के अभाव में इस बार भी नहीं होगी अच्छी पैदावार। मौसम अनुसन्धान विभाग की ओर से जानकारी मिली थी की विगत दो वर्ष की तुलना में इस वर्ष अच्छी बारिश होगी और साथ ही फसल की पैदावार भी अच्छी होगी,उसी अनुसार किसानों ने अपनी जमा पूंजी खेतों में लगा दी लेकिन अभी देखा जा रहा है कि बारिश हो रही है लेकिन घास-फूस को बचाने के लिए। धान की पैदावार उपयुक्त बारिश नहीं हो रही है जिस कारण किसानों को निराशा हो रही है.

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हिमंगशु कुमार प्रखंड पोटका पूर्वी सिंहभूम से मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि मौसम की मार कहीं बाढ़ कहीं सुखाड़ इस समय अगर मौसम की बात की जाए तो कुछ राज्य असम और मध्यप्रदेश में इतनी बारिश हुई है कि वंहा बाढ़ की स्थिति बनी हुई है,पर झारखण्ड की पूर्वी सिंहभूम जिला में अभी भी सूखे की स्थिति बनी हुई है,सूखे के कारण किसान यंहा धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं,कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जंहा किसान केनल के पानी से रोपाई कर रहे है पर ज्यादातर हिस्सों में पानी नहीं होने के कारण किसान अपने धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं। दोस्तो अगर आप भी इस तरह की कोई जानकारी हमारे साथ बाँटना चाहते हैं ,तो मिस्ड कॉल जरूर करें हमारा निःशुल्क नंबर -08800097458 पर।

जिला पूर्वी सिंहभूम से सुबोध कुमार भगत झारखण्ड मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि पोटका प्रखंड के अंतर्गत ये देखने को मिल रहा है की जिन्हे वास्तव में राशन कार्ड की जरुरत है उन लोगो को राशन कार्ड नहीं दिया जा रहा है और बहुत से ऐसे परिवार से है जिनके पास किसी चीज की कमी नहीं है उन्हें अन्तोदय कार्ड दिया गया है, पर जिन्हे राशन कार्ड की आवश्यकता है उन्हें अभी तक राशन कार्ड से वंचित रखा गया है,वो मोबाइल वाणी के माध्यम से खाद्य एवं सुरक्षा मंत्रालय के अधिकारियो का ध्यान इस ओर आकर्षित कराते हुए ये कहना चाहते हैं की इसकी जमीनी स्तर पर जांच पड़ताल किया जाए और ऐसे लोगो का राशन कार्ड को सरेंडर करवाया जाए जिनके परिवार में किसी चीज की कमी नहीं है,राशन कार्ड की जिनको जरुरत है उन्हें दिया जाए एवं राशन बाटा जाए ताकि गरीब इसका लाभ उठा सके।