झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से जे एम् रंगीला ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मोहम्मद वासिरुद्दीन से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने एक नोटिस जारी किया था कि राज्य में सभी कोई अपनी दुकान में एक नोटिस बोर्ड लगाएँ जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया,योगी महाराज ने ये काम किए, लेकिन यह बहुत गलत बात थी। इससे कि समाज में जातिवाद को बढ़ावा दिया जाएगा,आजादी को पचहत्तर साल बीत चुके हैं, लेकिन आज भी हमारे देश में इस तरह की जातिवाद देखने को मिलता है, इसलिए यह बहुत हद तक गलत और निंदनीय कदम था और यह समाज में कड़वाहट पैदा करेगा और भाईचारे को चोट पहुंचाएगा। यह देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सराहना हैं । उच्चतम न्यायालय अभी भी लोकतंत्र का संरक्षक है। हम इस आदेश के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार एक विशेष समुदाय को निशाना बना रही थी, क्या आपको लगता है। इरादा यह है कि उन्हें वहाँ से ऑक्सीजन मिले, जब तक यह हिंदू और मुसलमान नहीं करते, यह इस शक्ति में कायम नहीं रह सकता है और सत्ता में नहीं जा सकता है। सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए जाति के आधार पर जो होता है वह गलत है। बिलकुल गलत। तो जो कहा गया वह यह था कि हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई भाई । फिर से स्थापित किया जाना चाहिए