भारतमाला परियोजना फेज टू वाराणसी- कोलकाता एक्सप्रेस वे के निर्माण हेतु प्रखंड के कोह पंचायत अंतर्गत लेपो गांव में अंचल कार्यालय पेटरवार की ओर से रैयतों से जमीन का दस्तावेज प्राप्त करने के लिए बुधवार को एक कैम्प लगाया गया. जिसकी अध्यक्षता मुखिया राजेंद्र रजवार ने की. कैम्प में रैयतों ने कहा कि जब तक भारतमाला फेज वन के तहत बनने वाली फोर लेन सड़क निर्माण में अधिग्रहण की गई जमीन का मुआवजा राशि नही मिल जाता है तब-तक कोलकाता से वाराणसी तक बनने वाली एक्सप्रेस वे सड़क निर्माण के लिए एक इंच जमीन नही देंगे. रैयतों ने कहा कि बांधडीह से लेकर सिकीदिरी रांची तक बनने वाली फोर लेन सड़क निर्माण के लिए जमीन तो ली गई है लेकिन अभी तक ली गई जमीन का मुआवजा रैयतों को नही मिल पाया है. रैयतों ने यह भी आरोप लगाया कि जब रैयत मुआवजा राशि लेने के लिए जिला भू -अर्जन कार्यालय जाते हैं तो वहां पर लेन -देन की चक्कर में दौड़ाया जाता है. सरलता से मुआवजा नही दी जाती है जिसके चलते रैयतों में काफी आक्रोश व्याप्त है. इस बीच लेपो के रैयत बरतु महतो,जगदेव महतो, धनेश्वर महतो, सहदेव महतो, पंचम महतो, सियालाल महतो, सरयू महतो, रामचंद्र महतो, बिट्टू कुमार महतो, धनंजय कुमार, सुनील महतो, रमेश महतो, अमरेंद्र महतो, सरूण महतो, डोकेश्वर महतो, संतोष कुमार महतो सहित अन्य रैयतों ने जमीन से संबंधित दस्तावेज जमा करने का पुरजोर विरोध किया. रैयतों का कहना है कि भारतमाला परियोजना फेज वन के तहत बनने वाली बांध डीह- सिकीदिरी फोर सड़क निर्माण के लिए लेपो मौजा के 88 प्लॉट में अधिग्रहण की गई जमीन का आज तक मुआवजा राशि नही मिल पाया है. रैयतों ने कहा कि 88 प्लॉट में एक सौ रैयत है जिसमे अभी तक मात्र तीन रैयतों को ही मुआवजा राशि दिया गया है. इस मौके पर राजस्व कर्मचारी रवि कुमार, सुनील कुमार सिंह सहित रैयत उपस्थित थे.