पक्ष विपक्ष की कड़ी संख्या 14 जातीय जनगणना से मिलेंगे वंचितों को अधिकार -एक अभियान मोबाइल वाणी में चलाया जा रहा है. इस सन्दर्भ में बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने बिहार में जातीय जन गणना करवा कर ऐतिहासिक कार्य करते हुए एक लकीर खिंच दिया है जो पुरे भारत ही नहीं विश्व में मील का पत्थर साबित होगा. लोक तंत्र में समान भागीदारी व बराबर अधिकार देने का मार्ग प्रशस्त हुआ है. भारत में पहली बार अंग्रेजी सरकार ने 1931ई. में जातिगत जनगणना करायी थी. जिसमें ओबीसी बड़ा जाति समूह था. अब तक के सरकार जाति गत जनगणना से बचते रहे हैं. झारखण्ड राज्य सरकार सहित केंद्र सरकार अपने पुरे आबादी का जातिगत जन संख्या की अद्यतन जानकारी से बेखबर है. जिससे यह बात तय है कि आबादी के आधार पर अधिकार व प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है. घिसी पीटी पुरानी आधारों पर आधारित आरक्षण का लाभ जैसे तैसे मिल रहा है. जो संतुलित व न्यायोचित प्रतीत नहीं हो रहा है. मैं जातिगत जनगणना का पक्ष धर हूँ. शीघ्र जाति गत जन गणना होना चाहिए. आरक्षण का रोस्टर तय हो एवं प्रतिनिधित्व का अवसर लोगों को मिले.