गेमिंग जिहाद का बड़ा मामला सामने आया है। जेहाद गैंग ऑनलाइन गेमिंग के जरिए गैर मुस्लिम मुस्लिम लड़कियों को अपने जाल में फंसाते हैं। फिर उसे कार्टून में बेच देते हैं। ऐसा ही एक मामला पुलिस ने उजागर किया है। पुलिस के अनुसार जिले के विभीतिपुर थाना क्षेत्र के एक गांव से 2 फरवरी को स्कूल जाने के दौरान 4 लड़कियां लापता हो गई थीं। इन लड़कियों के साथ 5 लड़कियों को करीब 22 दिन बाद बिहार पुलिस की स्पेशल टीम ने महाराष्ट्र के पुणे से बरामद किया। इन पांचों को विदेश मंत्रालय की तैयारी की जा रही थी। ये सभी लड़कियाँ हैं और असली में बबवाल हैं। पुलिस ने इस मामले में चार लड़कों को भी गिरफ्तार किया है। ये सभी अलग-अलग जगहों पर रहने वाले हैं। पुलिस के मुताबिक ये सभी अपराधी थ्री-चार मंथ से फ्री फायर गेम में शामिल थे। इसी क्रम में उभयलिंगी बातचीत इन लड़कियों से होने लगी। जो धीरे-धीरे दोस्ती में बदल गया। गेम के दौरान एक अपराधी की दोस्ती विभूतिपुर थाने में रहने वाली एक लड़की से हो गई। फिर दोनों की बात आगे बढ़ने लगी। इसके बाद अपराधी ने अपने अन्य तीन दोस्तों की बात विभूतिपुर की ही रहने वाली लड़की और उसकी दो सगी बहन और एक चचेरी बहन से करवा दी और उसके बाद इन सभी लड़कियों को अपनी बहकावे में ले लिया। जिसके बाद सहेलियाँ घर से भाग गईं। पुलिस के मुताबिक, लड़के के बाद पहले यह सब लड़की होने के कारण पंजाब के राजपुरा निवासी मो. फ़ैसल के पास का अवलोकन। यहां से एक और लड़की के साथ सभी को पुणे ले जाया गया। जहां से सभी देशों के विदेश मंत्रालय की तैयारी थी। पुलिस ने बताया कि मो. फ़ैसल की निशानदेही पर पुणे से पांच लड़कियाँ बरामद। पुलिस का कहना है कि मामले में आगे की कार्रवाई जारी है. स्टूडेंट-छात्र इस अन्य गेम से जुड़े हैं, इसकी भी जांच की जा रही है। इस मामले में देवघर के मारगोमुंडा निवासी अताउली के वकील का पुत्र मो. साहुद, अररिया के जोकीहाट निवासी शमशाद आलम के पुत्र दिलशाद, इसी गांव के रहने वाले मो. मंसूर आलम के पुत्र मो. जायद और उत्तर प्रदेश केकेतपुर निवासी मो. फ़राद अहमद के बेटे मो. फ़सल के रूप में बताया गया है। अब सभी को जेल भेज दिया गया है।