विद्यापतिनगर। प्रखंड क्षेत्र में बने सीएचसी अस्पताल उद्घाटन के इंतजार में धूल फांक रहा हैं। अस्पताल की इमारत बने करीब पांच माह का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक न तो कोई स्टाफ यहां नियुक्त किया गया है तथा न ही कोई मशीनरी व अन्य सामान ही विभाग द्वारा स्थापित किया गया। करीब सात करोड़ 59 लाख की लागत से तैयार अस्पताल को हर वक्त ताला ही लगा रहता है। इलाके के लोग इंतजार कर रहे हैं कि कब अस्पताल में स्टाफ आएगा और कब लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। लाखों की आबादी वाले ग्रामीण क्षेत्र को कोई भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल रही है। 30 बिस्तर के इस अस्पताल की इमारत बनाने पर करीब सात करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए। अस्पताल की इमारत बन कर तैयार भी हो चुकी है। पांच माह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी सरकार व स्वास्थ्य विभाग ने इसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया, जिस कारण यह शानदार इमारत ग्रामीणों के लिए सफेद हाथी ही साबित हो रही है।वर्तमान में पुराने भवन में चल रहे हॉस्पीटल में स्टाफ और पर्याप्त संसाधन नहीं है। जिससे गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। ग्रामीणों ने बताया कि चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में प्रखंड और आसपास के क्षेत्रों के करीब दर्जनों पंचायत के लाखों लोगों को परेशानी हो रही है। पीएचसी पर वर्तमान में एक डॉक्टर, चार कर्मचारी तैनात है। लेकिन यहां गर्भवती महिलाओं के प्रसव के लिए गायनिक और पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। वर्तमान में सीएचसी पर एक भी डॉक्टर तैनात नहीं हैं। पीएचसी के डॉक्टर बरामदे पर मरीजों को देखते हैं। इस समय अस्पताल में 50 की ओपीडी रोजाना हो रही है। कुछ दिनों पूर्व 100 की ओपीडी हो रही थी। इस समय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कम से कम 14 पंचायतों से सैंकड़ों की संख्या में लोग उपचार करवाने आते हैं जिनको समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। पीएचसी. की प्रभारी डॉ. मदन कुमार ने कहा कि चारदीवारी का कार्य शेष है। ग्रामणों का कहना है कि सीएचसी के नए भवन का उद्घाटन जल्द से जल्द हो जाता तो ग्रामीणों को बेहतर सुविधा मिलने की उम्मीद हैं।