विद्यापतिनगर। आए बदलाव और इंटरनेट व डिजिटल मीडिया के तेज फैलाव से पब्लिक लाइब्रेरी का स्कोप लगातार सिकुड़ता जा रहा है। अलबत्ता, इन दिनों ग्रामीण परिवेश में 'प्राइवेट लाइब्रेरी' ने स्टूडेंट्स को एक नया ऑप्शन दे दिया है, जिससे कि वे शांत माहौल में घंटों पढ़ाई कर सकते हैं। साथ ही यहां उन्हें कई फसिलिटीज भी मिल जाती हैं। बड़ी तादाद में स्टूडेंट्स यहां जाना पसंद करते हैं, ताकि उन्हें शोर-शराबे से अलग और सुविधाओं के साथ स्टडी करने का मौका मिल सके। ऐसी प्राइवेट लाइब्रेरीज उन्हीं इलाकों में खोली गई हैं जहां स्टूडेंट्स हब हैं। प्राइवेट लाइब्रेरीज घर से आसपास होने से ट्रैवल में खर्च होने वाला काफी समय बच जाता है। पैसों की बचत होती है, सो अलग। आजकल इन लाइब्रेरीज को स्टडी या रीडिंग रूम भी कहा जाता है। यहां स्टूडेंट्स अपनी किताबें खुद लेकर आते हैं। बदलती जरूरतों ने प्राइवेट लाइब्रेरी की शक्ल को काफी बदल दिया है। अब यहां अलमारी या सेल्फ नहीं है, पर इंटरनेट जरूर मिल जाएगा। वॉशरूम, कूलर, एसी, वाई-फाई जैसी कई सुविधाएं भी होती हैं। ऐसी ही एक दिव्यांश स्टडी हब के नाम से लाइब्रेरी गढ़सिसई पंचायत के प्यारे चौक पर चलता हैं जहां के डाइरेक्टर मुखिया रतन कुमार का कहना है हमारे यहां लगभग 300 बच्चे आते हैं। ज्यादातर कॉम्पटिशन की तैयारी कर रहे हैं। हम पूरी कोशिश करते हैं कि उन्हें सारी सुविधाएं मिल जाएं। यहां आकर पढ़ाई करने वाली पूजा कुमारी ने कहा कि उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता कि वे कहां पढ़ रहे हैं, उन्हें बस शांत जगह चाहिए। वे एक जॉइंट फैमिली में रहते हैं, तो उनके लिए घर पर रहकर पढ़ाई करना मुश्किल होता है। यहां आने वाले स्टूडेंट्स में 30 पर्सेंट गर्ल्स हैं। अंकित भी इस प्राइवेट लाइब्रेरी में पढ़ाई करते हैं, वे सिविल सर्विस के लिए तैयारी करते हैं। यहां पढ़ने में मज़ा आता है क्योंकि सारी फसिलिटीज मिल जाती हैं।
