बिहार राज्य के समस्तीपुर जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता रत्न शंकर जानकारी दे रहे हैं की विद्यापतिनगर आजादी के दशकों बाद भी विकास से कोसो दूर है सिमरी पंचायत का महादलित उतरवारी टोल। आजादी के सात दशक बीतने के बाद भी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सिमरी वार्ड दस का महादलित टोल विकास से कोसों दूर है। इस टोले में करीब 200 घर हैं जिसमें दलित व महादलित समुदाय के लोग रहते हैं। पक्की सड़क के लिए वर्षों से ये लोग सरकार व जनप्रतिनिधियों की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। आज तक इन्हें पक्की सड़क नसीब नहीं हो सकी। इस टोले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजना साथ निश्चय के तहत भी कोई काम नहीं हुआ। प्रधानमंत्री उज्ज्वला एवं मुख्यमंत्री के हर घर नल का जल जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं से महरूम इस टोले के लोगों में सरकार व जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध आक्रोश बढ़ने लगा है। दर्जनों लोगों ने बताया कि इस टोले में आवागमन के लिए न तो एक भी पक्की सड़क है, न ही बारिश के समय में जलनिकासी का कोई मार्ग। बारिश के महीने में यह टोला टापू बना हुआ रहता है। घर के आसपास जलजमाव के कारण बाहर निकलना मुश्किल होता है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव की कच्ची सड़कों पर जलजमाव इस कदर होता है कि घर से निकलने के दौरान पानी में डूबने से बच्ची की डूबने से मौत भी हुई है, लेकिन ग्रामीणों की इस समस्या को सुनने वाला कोई नहीं आता। इससे गांव में प्रवेश करना और कठिन हो गया। ग्रामीणों ने कहा कि सरकार गरीबों व वंचितो को मुख्य पटल पर लाने के लिए दर्जनों योजना चला रही है, लेकिन यहां के लोग को आज तक किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल सका है। इससे अब लोगों में आक्रोश बढ़ने लगा है।